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टायर बदलने के माइलेज मानकों में अब 25% तक छूट दे सकेंगे सचिव

                           सरकार ने नियमों में किया संशोधन, विभागों को मिलेगा अधिक लचीलापन

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश सरकार ने सरकारी वाहनों के टायर माइलेज मानकों में बदलाव करते हुए सभी प्रशासनिक सचिवों को 25 फीसदी तक की छूट देने का अधिकार दे दिया है। वित्त विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि प्रदेश में सरकारी वाहन मैदानी क्षेत्रों से लेकर दुर्गम पहाड़ी और ग्रामीण इलाकों तक लगातार उपयोग में रहते हैं। इससे सड़कों की कठिन परिस्थितियों और लगातार फील्ड कार्यों के चलते टायर जल्दी घिस जाते हैं। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए सरकार ने माइलेज मानकों में राहत देने का निर्णय लिया है। विभाग अब जरूरत पड़ने पर अपने स्तर पर तुरंत टायर बदलने की मंजूरी दे सकेंगे।इस कदम से वाहनों की सुरक्षा और कार्यक्षमता बढ़ेगी तथा फील्ड कार्यों में देरी भी कम होगी। सरकार ने स्पष्ट किया है कि 25 फीसदी से अधिक छूट वाले मामलों को वित्त विभाग अलग से परखेगा।

 सरकारी विभागों की ओर से उपयोग किए जा रहे वाहनों की बढ़ती आवाजाही, भौगोलिक कठिनाइयों और लगातार फील्ड कार्यों के चलते टायरों और ट्यूबों के तेजी से घिसने की समस्या को देखते हुए वित्त विभाग ने पुरानी व्यवस्था में बदलाव किया है। विभाग ने राज्यभर के सरकारी वाहनों के लिए टायर बदलने से जुड़ी माइलेज सीमा में लचीलापन ला दिया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने सभी प्रशासनिक सचिवों, राज्यपाल सचिवालय, विधानसभा सचिवालय, उच्च न्यायालय रजिस्ट्री और सभी विभागाध्यक्षों को अधिसूचना जारी की है।वित्त विभाग ने पत्र में स्पष्ट किया है कि सरकारी वाहन मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ी और ग्रामीण सड़कों पर तैनात रहते हैं। कई विभागों को नियमित निरीक्षण, विकास कार्यों की निगरानी, जनसेवा से जुड़े कार्यक्रमों, आकस्मिक दौरों और प्रदेश के बाहर तक यात्रा करनी पड़ती है।


 राज्य की कई सड़कें दुर्गम और जर्जर हैं, जहां तीखी ढलान, मोड़ के कारण टायरों की घिसावट सामान्य क्षेत्रों की तुलना में काफी अधिक होती है। ऐसे में सभी वाहनों पर एक समान माइलेज मानक लागू करना व्यावहारिक नहीं रह गया था। सभी विभागों की ओर से लगातार यह मांग उठ रही थी कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में चलने वाले वाहनों को तय माइलेज से पहले ही टायर बदलने की अनुमति मिलनी चाहिए। ऐसे मामलों में मौजूदा नियम बाधा बन रहे थे, जिससे न केवल वाहन रखरखाव में देरी हो रही थी, बल्कि कई बार सुरक्षा संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो रही थीं। इस स्थिति को देखते हुए वित्त विभाग ने टायर माइलेज मानकों में अधिकतम 25 फीसदी तक की छूट देने पर सहमति जताई है। अब यह अधिकार सभी प्रशासनिक सचिवों को सौंप दिया गया है। विभाग स्वयं अपने स्तर पर वास्तविक परिस्थितियों के अनुसार निर्णय ले सकेंगे।


 

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