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हिमाचल में राजनीतिक मंच का गठन नवरात्रों के दौरान:राजन सुशांत


  • पालमपुर 29 जुलाई,जेएस कठियाल
    प्रदेश की परिस्थितियों को देखते हुए तथा प्रदेश को एक शसक्त सरकार देने लिए एक विजन व एक आंदोलन के रूप में प्रदेश में एक राजनीतिक मंच का गठन नवरात्रों के दौरान किया जा रहा है। यह बात पूर्व सांसद राजन सुशांत ने पालमपुर में पत्रकार वार्ता में कही।




उन्होंने कहा कि प्रदेश में क्षेत्रीय राजनैतिक दल के गठन का मकसद एक  सोच के साथ साथ व्यवहारिक आंदोलन कर इस प्रदेश की धरती को कर्जे के दुष्चक्र से बचाना है।  युवाओं के जीवन मे उजाला लाना है। कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन देनी है। सबको न्याय दिलाना है, मनरेगा मे पार्दर्शिता लानी है,  मनरेगा में दिहाड़ी हरियाणा की तर्ज़ पर 304 रुपये की जाए तो, सब वर्गों को न्याय मिलेगा।

उन्होंने कहा कि  जनता की समस्याओं  को देखते हुए एक विजन लेकर मंच का गठन किया जा रहा है। जिसकी आज पालमपुर की वीर भूमि  से ही घोषणा की जा रही है । सुशांत ने कहा कि प्रदेश आर्थिक स्थिति को उबारना है तो एक विजन की जरूरत है जो न कांग्रेस के पास है न बीजेएपी के पास उन्होंने कहा कि उनका क्षेत्रिय दल प्रदेश का पूरे  12 के 12 जिलों के अंदर नवरात्रों में गठन होगा।

उन्होंने कहा कि उस यज्ञ में हर कोई आहुति डाले । आंदोलन संघर्ष की जिम्मेवारी हमारी है। उन्होंने कहा कि उनका दल कभी अदला बदली की सरकार पर विश्वास नहीं रखेगा। प्रदेश  को ऊपर लाने की योजनाएं बनेगी। आज प्रदेश में अपार सम्पदा है,जिसका सुनियोजित तरीक़े से दोहन कर प्रदेश की जनता को कर्ज से मुक्त किया जाएगा। उनका दल प्रदेश की सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। इसमें प्रदेश के कई अच्छी छवि वाले नेताओं से सम्पर्क किया जा रहा है, कइयों से हो भी चुका है। गैर कांग्रेस, गैर भाजपा दल की सरकार बनाना उनका विजन होगा। वहीं समाज मे उन युवाओं को भी मौका दिया जाएगा , जिस पर कोई आरोप नही लगा हो, कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होगा, उसे मौका दिया जाएगा।

प्रदेश की जयराम सरकार पर 60 हजार करोड़ का ऋण
हर मोर्चे पर विफल हुई भाजपा,कांग्रेस


पूर्व सांसद राजन सुशांत ने कहा कि आज प्रदेश की भाजपा  सरकार के पास  कोई  विजन नहीं है। आर्थिक
परिस्थितियां बहुत खराब हो चुकी हैं।   60 हजार करोड़ का कर्जा प्रदेश की जनता पर हो चुका है।  बहुत जल्द आर्थिक संकट आने वाला है। सरकार  पेंशन व वेतन देने को कर्जे ले रही है।
उन्होंने कहा कि अब ऋण की  सीमा भी समाप्त होने वली है। दोनों राजनीतिक दल भाजपा व कांग्रेस हर मोर्चे पर असफल हुए। विस् सत्र में भी सत्तादल केवल पिछली सरकार को कोसते हैं, कोई नई नीति बनाने को लेकर कुछ नही बोलते।  सुशांत ने कहा कि कुल मिलाकर प्रदेश की सरकार आज केवल कर्जे पर चल रही है। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह होगा कि जयराम  सरकार के समय  बच्चा पैदा  होते ही उस पर कर्ज का साया होगा।

उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में  10 लाख बेरोजगार हो गए हैं। ऊपर से कोरोना के चलते जो बाहर रोजगार करते थे, 2 लाख से ज्यादा बेरोजगार होकर प्रदेश में आ चुके है।  उन्होंने कहा कि 72 लाख की आबादी मे  12 लाख बेरोजगार है । उन्होंने कहा कि 1 लाख एनपीएस कर्मचारी है उनकी स्थिति दयनीय है।  50 हज़ार का वेतन लेने वाले को अढाई हजार पेंशन सरकार की गलत नीतियों की वजह से मिल रही है।

सुशांत ने कहा कि प्रदेश के अंदर पर्यावरण प्रदूषित, मिट्टी का प्रयोग, बिजली उपयोग कर सीमेंट कारोबारी चांदी कूट रहे। प्रदेश के बाहर सीमेंट सस्ता जबकि हमें सीमेंट महंगा मिल रहा है। सुशांत ने कहा कि
करोना समय मे केवल मनरेगा ही एक मात्र लोगों के उत्थान के साधन बचा है। लेकिन सरकार केवल ढींगे मार रही है।  प्रदेश में दिहाड़ी 198 रुपये से कम जबकि हरियाणा में 304 रुपये दी रही है । उन्होंने कहा कि प्रदेश में  11 जिलो में उद्योग न के बराबर है। आर्थिक मंदी व सरकार की गलत नीतियों की बजह से दुकान दार, कामगार, समाज का हर वर्ग तंग है।

पूर्व सांसद ने कहा कि भाखड़ा, पौंग बांधों को जमीनें दी उंनको आज तक विस्थापन नही  मिला। सुशांत ने कहा कि सरकार  कोर्ट ,सुप्रीम कोर्ट  के निर्णयों को भी लागू नही करती है।  100 से 200 युवाओं को रोजगार न देकर अखबारों में व्यान देते हैं कि बम्पर भर्ती की जा रही है। कोई नीति सरकार ने बेरोजगारो के लिए नहीं बनाई। राहत कुछ नही दी, बिना सोचे समझे जयराम सरकार ने पिछले अढाई सालों में 50 प्रतिशत किराया बढ़ाया ऊपर से कहते भारी मन से किराया बढ़ाया  ।उन्होंने कहा कि आज डेढ़ लाख से अधिक विद्यार्थी सरकार की गलत नीतितो से असमंजस में है।

सुशांत ने कहा कि सरकार भ्र्ष्टाचार को बढ़ा रही है।  पहली बार इतिहास में एक  विभाग के हैड को जेल में भेजा, सत्तासीन सरकार के अध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ा। निदेशक हेल्थ के ऊपर उंगली उठी, तो सीएम  जिनके पास हेल्थ का जिम्मा है उंनको भी इस्तीफा देना चाहिए था। सुशांत ने मांग की कि सीएम भी इस्तीफा दें, फिर जांच की जाए। उन्होंने कहा कि आज किसी से छिपा नहीं सभी मंत्री, विधायक  ट्रान्सफर के पैसे खा रहे हैं। उन्होंने कहा कि  प्रदेश में कुछ भी नया करना हो तो भाजपा के नेता दिल्ली दौड़ रहे हैं,  खुद कोई निर्णय  प्रदेश हित मे नही ले सकतें हैं।

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