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मच्छयाल में कूड़ा सयंत्र लगाने के विरोध में उतरी महिलाएं



महिला मंडल और किसान सभा ने बैठक कर जताई आपत्ति

जिला परिषद सदस्य एवं किसान नेता कुशाल भारद्वाज भी हुए बैठक में शामिल

कृष्ण भोज, मंडी।

जोगेंद्रनगर उपमंडल की पवित्र स्थली मच्छयाल में कूड़ा कचरा सयंत्र लगाए जाने के विरोध में मातृशक्ति लामबंद हो गई है। यहां सयंत्र लगाए जाने के विरोध को लेकर 
चलाहरग पंचायत के महिला मंडल चलाहरग, बडौण तथा किसान सभा की स्थानीय बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे हिमाचल किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ने भी शिरकत की। बैठक में महिला मण्डल प्रधान नीमा देवी, सचिव यश्विंद्र कुमारी सहित महिला मंडल  सदस्यों और स्थानीय किसानों ने भी हिस्सा लिया। 

इस अवसर महिला मंडल की सदस्यों ने कहा कि रणा खड्ड के किनारे जबरन लगाए जा रहे कूड़ा संयंत्र को महिलाओं व किसानों के आंदोलन के चलते रुकवाने में कामयाबी मिली थी। लेकिन अब इस सबंध में उच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद क्षेत्र में जल्दी ही उसी स्थान पर कूड़ा संयंत्र लगाए जाने की सुगबुगाहट चल रही है। उन्होंने कहा कि पवित्र धार्मिक स्थली में यह सयंत्र लगने से जहां बीमारी फैलने की आंशका है। वहीं कई पेयजल स्कीमों के दूषित होने का भी खतरा है। उन्होंने कहा कि सरकार और हमारे बड़े नेता लोग जबरदस्ती इस संयंत्र को मच्छयाल में लगाने पर उतारू हैं। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
इस संयंत्र के लगने से तीर्थस्थल मच्छयाल के साथ-साथ चल्हारग पंचायत, मसोली पंचायत, नेरघरवासड़ा, द्राहल, कस, भराड़ू, बिहूं, नौहली, बूहला भडयाड़ा, कुठेहड़ा, पिपली व द्रुब्बल पंचायतों के भी कुछ गांव प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे। 
इसके अलावा महिला मंडलों का कहना था कि सिविल अस्पताल जोगिंदर नगर में गायनी एवं महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर न होने से महिलाओं खासकर गरीब मरीजों को भारी परेशानी होती है। अस्पताल में कोई एमडी भी नहीं हैं। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद डॉक्टर नियुक्त नहीं किए जा रहे हैं। 

इस अवसर पर कुशाल भारद्वाज ने कहा कि अभी माननीय उच्च न्यायालय के फैसले की कॉपी उन्हें प्राप्त नहीं हुई है। वे पहले जजमेंट को पढ़ेंगे और यदि जरूरी हुआ तो सभी संभावित प्रभावितों की बैठक बुला कर तथा सभी पंचायत प्रतिनिधियों को भी शामिल कर सबकी सहमति से कोई निर्णय लिया जाएगा। यदि जनता को इस संयंत्र के लगने से समस्या होगी तो फिर यह कूड़ा निष्पादन संयंत्र यहां नहीं लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वरिष्ठ वकीलों से भी वे सलाह मशविरा करेंगे कि क्या माननीय उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी जाये या नहीं, लेकिन आखिरी फैसला समस्त प्रभावित जनता की बैठक में ही लिया जाएगा।  

उन्होंने कहा कि सरकार व हमारे हुक्मरानों को चाहिए कि इस तरह के कूड़ा निष्पादन संयंत्र तीर्थ स्थल के नजदीक, चारों तरफ आबादी वाले क्षेत्र और इस खड्ड पर स्थापित बहुत सी पेयजल योजनाओं को मद्देनजर यहाँ न लगा कर ऐसी जगह लगाया जाना चाहिए जहां आबादी प्रभावित न हो।  उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेशों को तो कानूनी प्रक्रिया के तहत ही चुनौती दी जाएगी, लेकिन सरकार व प्रशासन कि जिद्द के खिलाफ वे जनता को निश्चित रूप से लामबंद कर लोकतान्त्रिक तरीके से आंदोलन करेंगे। 

चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं बारे कुशाल भारद्वाज ने कहा कि जोगिंदर नगर विधान सभा क्षेत्र के लिए यह विडंबना की बात है कि डेढ़ लाख की आबादी की निर्भरता वाले सिविल अस्पताल में न तो एमडी और न ही गायनी एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि यदि जल्दी ही डॉक्टर की तैनाती नहीं हुई तो फिर से आंदोलन करने के लिए बाध्य होना होगा। 
इस अवसर पर किसान सभा की तरफ से चमन लाल, प्रदीप, नारायण, विनोद, भीम, मदन लाल, राजीव आदि भी उपस्थित रहे।

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