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प्राध्यापकों ने सरकार द्वारा मांगों को पूरा न करने के विरोध मे काले विल्ले लगा कर की गेट मीटिंग

पालमपुर, रिपोर्ट
शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय पालमपुर के प्राध्यापकों ने प्रदेश सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा न करने के विरोध मे काले विल्ले ( ब्लैक वेजीज) लगा कर  एक गेट मीटिंग  कर मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री से आग्रह किया है कि कालेज प्राध्यापकों से जुड़ी विभिन्न मांगों को अविलंब पूरा किया जाए।
इस अवसर पर एच जी सी टी ए की महाविद्यालय इकाई के प्रधान डॉ सुजीत सरोच ने अपने संबोधन में कहा कि अभी तक प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत प्राध्यापकों को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन द्वारा अनुमोदित सातवें  पे स्केल को नहीं दिया गया है। विदित रहे कि महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों  को छोड़कर अन्य सभी सरकारी विभागों में सभी श्रेणियों के सभी प्रकार के कर्मचारियों को प्रदेश सरकार ने नये वेतन आयोग के अनुसार स्केल दे दिए हैं जबकि प्रदेश में कार्यरत विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापक बार इस मांग को उठाते रहे हैं कि उन्हें सातवें वेतन आयोग के अनुसार स्केल दिए जाएं। 
इस संबंध में उन्होंने कहा कि वह राज्यपाल, मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री ,अन्य मंत्रियों, प्रधान सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार, प्रिंसिपल सेक्रेटरी शिक्षा हिमाचल प्रदेश तथा शिक्षा निदेशक से कई बार मिलकर आग्रह कर चुके हैं।
इसके अतिरिक्त यह भी मांग उठाई गई कि कालेज प्राचार्यो  की डीपीसी तुरंत करवाई जाए । क्योंकि पिछले लगभग 4 वर्षों से प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों के लिए प्राचार्य की प्रमोशन या डायरेक्ट भर्ती नहीं की गई है।  फलस्वरूप राज्य में 137 में से 88 महाविद्यालयों में नियमित प्राचार्य नहीं है। उन्होंने इस बात को भी प्रमुखता से उठाया कि जिन प्राध्यापकों की मूल रूप से कॉन्ट्रैक्ट अपॉइंटमेंट की गई और उसके पश्चात उन्हें उनकी सेवाओं को नियमित किया गया । उन सभी  प्राध्यापको को जिस दिन से वह सेवा में आए उस दिन से उनको सभी  नोशनल वित्तीय लाभ दिए जाएं  तथा  2014 से एमफिल और पीएचडी प्राप्त करने वाले शिक्षकों के लिए जो यूजीसी की सिफारिशों के अनुसार अतिरिक्त इंक्रीमेंट्स का लाभ भी बहाल किया जाए ।
इस अवसर पर प्रो निवेदिता परमार,डा अश्विनी पाराशर, प्रो उपेंद्र शर्मा, डॉ संजीव कुमार, डा संजय गुप्ता, डा सुरेश शर्मा, डॉ नीना शर्मा, प्रो कल्पना ऋषि, डा राजेंद्र चंदेल, प्रो अलका वत्स तथा अन्य प्राध्यापक भी उपस्थित रहे ।

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