Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

किसानों की सेवा को आखरी गांव तक पहुंचेगें: एच.के.चौधरी

◆जनजातीय क्षेत्र के किसानों से आह्वान अपनी ताकत को पहचानें

पालमपुर,रिपोर्ट
चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच.के.चौधरी ने कहा कि किसानों की भलाई के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के आखरी गांव तक पहुंचने की जिम्मेदारी हमारी है। किसान अपनी ताकत को पहचानें और उसका सही स्थान पर प्रयोग करें। विश्वविद्यालय और सतलुज जल विद्युत निगम के संयुक्त तत्वाधान में किन्नौर के सांगला और कुल्लू के निरमंड ब्लाकों के 50 ग्रामीणों को एकीकृत खेती का प्रशिक्षण देने के लिए आयोजित छह दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन अवसर पर कुलपति प्रो. चौधरी उन्हें संबोधित कर रहे थे। 
उन्होंने कहा कि भोजन का उत्पादन और देश के लिए सीमाओं की देखभाल करना प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में बसे किसानों द्वारा किए गए दोहरे कठिन कर्तव्य है।
कुलपति एच.के.चौधरी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों के किसानों की अपनी खूबियां है। इन खूबियों को पहचानते हुए उसे विश्व पट्ल पर लाने का कार्य विश्वविद्यालय करेगा। सांगला में केसर, काला जीरा व राजमॉश, ओगला, फाफरा और निरमंड की कुलथी की दाल की विशेषता है। इन्हें किसान घर-घर में लगाएं। उन्होंने कहा कि वह खुद विशेषज्ञों व प्रगतिशील किसानों के साथ उनके क्षेत्र में पहुंचेगें और उन्हें पारपंरिक फसलों की पहचान को कायम रखने के लिए तकनीकी जानकारी प्रदान करते हुए गुणवत्ता बढ़ाने का कार्य मिलकर करेगें। प्रो. चौधरी ने कहा कि उनका विश्वविद्यालय राज्य की विभिन्न फसल किस्मों के संरक्षण और प्रचार के लिए प्रतिबद्व है। किसान इसके लिए विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्रों व शोध केंद्रों में पहुंच कर अपनी समस्याओं का समाधान विशेषज्ञों से करवा सकते है।  कुलपति चौधरी ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

प्रसार शिक्षा निदेशक डा.विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि यह प्रशिक्षण विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन के तहत सतलुज जल विद्युत निगम द्वारा प्रायोजित एक हजार किसानों के लिए 40 प्रशिक्षणों का भाग था। उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र सब्जियोे की खेती, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, औषधीय और सुगंधित पौधों, नर्सरी उत्पादन, डेयरी फार्मिग आदि पर भी इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित कर रहे है।  

सांगला की बबीता देवी और चांसू की ईश्वरी देवी ने कुलपति को किन्नौरी टोपी भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
प्रशिक्षण शिविर के इंजार्च डा.लवभूषण, सहनिदेशक डा.पवन पठानिया, प्रगतिशील किसान बिंदर राम वर्मा,हंसराज शर्मा, ईश्वरी देवी व रेखा देवी ने भी इस दौरान अपने विचार व्यक्त किए। जनसंपर्क इकाई के संयुक्त निदेशक डा. हृदयपाल सिंह व डा.अरूण कुमार सूद भी इस दौरान मौजूद रहें। 

Post a Comment

0 Comments

मनोरम पहाड़ियों की सुंदरता पर लग रहा ग्रहण