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कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर का आईसीएआर के तीन संस्थानों के साथ समझौता पत्रों पर हस्ताक्षर


राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो एनबीएआईआर बेंगलुरू, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ 

आईआईएसआरद्ध और भारतीय बीज विज्ञान संस्थान महू आईआईएसएसद्ध एक-दूसरे के साथ परस्पर सहयोग कर कार्य करेगें

हिमालय के समृद्ध संसाधनों को होगा भरपूर उपयोग: कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी  

पालमपुर , रिपोर्ट 
 हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ;आईसीएआर द्धके तीन संस्थानों के साथ तीन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। भारतीय कृषि अनुसंधान निदेशक के उप महानिदेशक डा.टी.आर.शर्मा ने आईसीएआर संस्थानों के साथ विश्वविद्यालय के भविष्य के सहयोग पर विचार मंथन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कहा कि सभी कृषि अनुसंधान संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों के बीच उपलब्ध मानव और बुनियादी ढांचागत संस्थानों का विवेकपूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि आईसीएआर और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को आपसी सहयोग से शोध कार्यो को करते हुए उन्हें प्रकाशित करना चाहिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि इसके लिए संयुक्त सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित करने आवश्यक है। उन्होंने पालमपुर में मधुमक्खी कलोनियों को विकसित करने और इन्हें बंगलुरू तक ले जाने पर भी चर्चा की। साथ ही छात्रों और वैज्ञानिकों को भी परस्पर एक-दूसरे के साथ कार्यक्रम आयोजित कर मदद करनी चाहिए। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी ने कहा कि सभी बड़ी परियोजनाओं की योजना राष्ट्र के लिए हिमालय में समृद्व संसाधनों का उपयोग करने के लिए बनाई गई है। इससे अकादमिक और अनुसंधान में उत्कृष्ठता मिलेगी और उसको पूरा लाभ विद्यार्थियों और किसानों को होगा। 
उन्होंने कहा कि आईसीएआर को सभी विश्वविद्यालय संसाधन प्रदान किए जाएगें ताकि उसका लाभ जनता तक पहुंचे। कुलपति ने आश्वासन दिया कि अनुसंधान के लिए विश्वविद्यालय गुणवत्ता के लिए पूरी गति और स्टीकता के साथ आगे बढ़ेगा।
राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो एनबीएआईआर बेंगलुरू, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ ;आईआईएसआरद्ध और भारतीय बीज विज्ञान संस्थान महू ;आईआईएसएसद्ध के साथ समझौता ज्ञापनों पर उपमहानिदेशक और कुलपति की उपस्थिति में अनुसंधान निदेशक डा.वी.के.शर्मा , विश्वविद्यालय के डीन पीजी डा. सुरेश कुमार और आईसीएआर के तीन संस्थानों के निदेशकों ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने बताया कि कृषि और संबद्ध विज्ञानों में कीट संसाधन के क्षेत्र में अकादमिक और शोध सहयोग के लिए एनबीएआईआर के साथ समझौता ज्ञापन है। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के साथ चुकंदर के क्षेत्र में अनुसंधान और बीज उत्पादन के लिए समझौता हुआ है। यह समझौता ज्ञापन विश्वविद्यालय में चल रहे शिक्षण और अनुसंधान कार्यक्रमों को मजबूत करने के लिए है। विश्वविद्यालय ने पहले भी पांच अन्य आईसीएआर संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए है। एनबीएआईआरए बेंगलुरु के निदेशक डा. एस.एन. सुशील ,आईआईएसआर लखनऊ के निदेशक डा. ए.के.पाठक और आईआईएसएस महू के निदेशक डा.संजय कुमार ने अपने-अपने संस्थानों की अनुसंधान गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया।
आईसीएआर संस्थानों के अन्य वैज्ञानिकों डा.ए.के.मल, डा.यू अमाला, प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के डा.आर.एस.चंदेल,डा आर चौधरी, डा.आर.के.कपिला,, राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के प्रधान वैज्ञानिक डा.रणवीर सिंह राणा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में विश्वविद्यालय के सभी संविधिक अधिकारी और विभागाध्यक्ष मौजूद रहे। डा. पी.सी शर्मा ने इस दौरान सारी कार्यवाही का संचालन किया।

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