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प्रदेश में प्राकृतिक आपदा का भुंतर हवाई अड्डे में हवाई जहाजों की उड़ानों पर व्यापक असर पड़ा

                               दिल्ली-शिमला-भुंतर हवाई सेवा पर आपदा पड़ी भारी, पर्यटन को झटका

कुल्लू,रिपोर्ट ओमप्रकाश ठाकुर 

पर्यटन कारोबारियों ने कहा कि भुंतर हवाई अड्डे के लिए उड़ानों की संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। अगर कुल्लू-मनाली को जोड़ने वाला फोरलेन व हाईवे खराब है तो पर्यटकों के पास हवाई सेवा दूसरा विकल्प रहता है।प्रदेश में प्राकृतिक आपदा का भुंतर हवाई अड्डे में हवाई जहाजों की उड़ानों पर व्यापक असर पड़ा है।पर्यटक न मिलने से हवाई उड़ाने बंद होने लगी हैं। 

दिल्ली से भुंतर वाया शिमला चल रही 48 सीटर जहाज की उड़ान दो माह से भी अधिक समय से बंद है। इससे न केवल कुल्लू-मनाली के पर्यटन को झटका लगा है बल्कि धर्मशाला व शिमला के पर्यटन कारोबार भी बुरा असर पड़ा है।वहीं कुल्लू से जाने वाले लोगों को भी शिमला पहुंचना आसान हो जाता है। मगर जुलाई 2023 को कुल्लू समेत हिमाचल के कई क्षेत्रों में आई आपदा के बाद उड़ान कंपनी को यात्री न मिलने से सेवा को बंद कर दिया है। इसका असर सूबे में पर्यटन कारोबार पर पड़ा है। पर्यटन कारोबारी राजेंद्र प्रकाश, गजेंद्र ठाकुर तथा गौतम ठाकुर ने कहा कि भुंतर हवाई अड्डे के लिए उड़ानों की संख्या को बढ़ाने की जरूरत है। 

उन्होंने कहा कि अगर कुल्लू-मनाली को जोड़ने वाला फोरलेन व हाईवे खराब है तो पर्यटकों के पास हवाई सेवा दूसरा विकल्प रहता है।उन्होंने मांग की कि दशहरा तक दिल्ली-भुंतर वाया शिमला एटीआर-42 को फिर से शुरू किया जाए। भुंतर एयरपोर्ट के अधिकारी रवि श्रीवास्तव ने कहा कि भुंतर हवाई अड्डे के लिए दो उड़ानें हो रही थीं। जुलाई से दिल्ली-भुंतर वाया चंडीगढ़ आ रही है। जबकि दूसरी सेवा जुलाई महीने से बंद है। कुल्लू के भुंतर हवाई अड्डे में एलायंस एयर के स्टेशन प्रभारी मनीष कुमार ने कहा कि हवाई सेवा फिर शुरू करने को लेकर सूचना नहीं है। दशहरा तक शुरू होने की उम्मीद है।





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