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ब्यास किनारे भी होगी गंगा के तर्ज पर आरती

                            गंगा की तर्ज पर ब्यास किनारे भी होगी आरती

काँगड़ा, हिमाचल 

काशी के घाट, प्रयाग में संगम और हरिद्वार में गंगा आरती की तर्ज पर अब देहरा शहर के साथ बहती ब्यास नदी के तट पर भी संध्या आरती होगी। इससे शहर का पूरा वातावरण संध्या आरती से गुंजायमान हो जाएगा। यदि सब कुछ सही रहा तो एक माह के भीतर ब्यास नदी के तट पर संध्या आरती शुरू हो जाएगी। 


उसके बाद धीरे-धीरे व्यास नदी के तट पर पक्के घाट बनाने की योजना है जिससे यहां पर आरती से स्थानीय लोग और पर्यटक आकर्षित हो सकें। इससे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही रोजगार भी सृजित होगा। ब्यास नदी के तट से आरती को धरातल पर कैसे उतारा जाए, इसे लेकर स्थानीय श्रीराधाकृष्ण मंदिर में आयोजित बैठक में एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा, हाईकोर्ट शिमला के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सूद, ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष मनोज भारद्धाज और विश्व हिंदू परिषद के विभाग सत्संग प्रमुख पवन बजरंगी और सुशील शर्मा ने देहरा से अविरल प्रवाह से बहने वाली पवित्र नदी ब्यास की आरती प्रारंभ करने के बारे में मंत्रणा की है। 


इसके बाद एसडीएम देहरा ने आश्वासन दिया कि वह इसके बारे में एक प्रस्ताव तैयार करके जिलाधीश कांगड़ा को भेजेंगी। माना जा रहा है कि यदि प्रदेश सरकार और प्रशासन ने इस योजना पर गंभीरता से ठोस कदम उठाए तो अगले साल तक ब्यास नदी के किनारे संध्या आरती का स्थान विकसित हो जाएगा।  इसके बारे एसडीएम शिल्पी बेक्टा का कहना है कि वह ही इस प्रस्ताव को लेकर लोगों के पास गई थीं जिसे लोगों ने काफी सराहा है। उन्होंने कहा कि आरती कहां पर होगी, इसके लिए जगह चिह्नित की जाएगी। ब्यास के साथ अधिकतर बीबीएमबी की जमीन है तो कई तकनीकी पहलुओं को भी देखना होगा। 


ब्यास के तट पर आरती के आयोजन की योजना पर काम चल रहा है। ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष मनोज भारद्धाज का कहना है कि यदि सरकार इस योजना को मंजूरी देती है तो धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और ब्यास नदी को स्वच्छ रखने की भावना भी विकसित होगी। देहरा में ब्यास के तट पर एक माह के भीतर आरती शुरू करने की योजना है ब्यास के तट पर संध्या आरती का उद्देश्य नदी के सरंक्षण के लिए जन जागरूकता बढ़ाना, सामाजिक भागीदारी सुनिश्चित करना, ब्यास को स्वच्छ रखने के लिए जिम्मेदारियों की भावना को विकसित करना है।


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