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आपदा न आती तो मनाली तक होता फोरलेन का लोकार्पण

                         बरसात के कारण नेरचौक से मनाली तक फोरलेन का इंतजार दो साल और बढ़ गया है

मनाली,ब्यूरो रिपोर्ट 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को किरतपुर-नेरचौक फोरलेन का सुंदरनगर के पुंग तक उद्घाटन करेंगे। यदि प्रदेश में आपदा न आती तो प्रधानमंत्री मनाली तक इस फोरलेन का उद्घाटन करते। बरसात के कारण नेरचौक से मनाली तक फोरलेन का इंतजार दो साल और बढ़ गया है।नेरचौक से मनाली तक 2024 की जगह 2026 तक पूरी तरह फोरलेन बनकर तैयार होगा। आपदा के कारण इस परियोजना को हुए नुकसान के कारण इसमें दो साल की देरी हो रही है। बरसात के मौसम में भारी बारिश ने इस परियोजना के 20 किलोमीटर के हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया था। 

भविष्य में इस तरह की आपदा से फोरलेन को नुकसान से बचाने के लिए संभावित क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए एनएचएआई विशेष ध्यान दे रहा है। ओरोलॉजी और जियोलॉजिस्ट, पर्यावरणविद इसका अध्ययन करेंगे। इस कारण परियोजना को पूरा करने की समय सीमा दो साल बढ़ा दी गई है। बता दें कि 9, 10 जुलाई, फिर 14 और 15 अगस्त 2023 को ब्यास में आई बाढ़ के बाद मंडी और मनाली के बीच राजमार्ग को क्षति पहुंची। इस बरसात से पहले एनएचएआई ने मनाली तक इस फोरलेन के तीन चरण किरतपुर-नेरचौक, पंडोह-टकोली और टकोली-कुल्लू को लगभग तैयार कर दिया था। 

जिस क्षेत्र में नुकसान हुआ है, उसके पुनर्निर्माण के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के विशेषज्ञ इस पर काम करेंगे। आपदा के बाद केंद्र सरकार की एक्सपर्ट कमेटी ने फोरलेन का विजिट किया था। वहीं भविष्य में इसे सुरक्षित रखा जा सके, इस पर सुझाव और दिशा-निर्देश दिए थे। उन्हीं दिशा-निर्देश पर एनएचएआई काम कर रहा है।परियोजना में पांच टनल बनाई गई हैं। इनमें सबसे बड़ी टनल 1,800 मीटर गरामोड़ा, टीहरा टनल 1,265 मीटर, भवाणा टनल 740 मीटर, तुन्हू टनल 550 मीटर और सबसे छोटी टनल बागछाल 465 मीटर है। सभी टनल डबल लेन तैयार हो गई हैं। चार टनल की समानांतर सुरंग के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। गरामोड़ा टनल की समानांतर सुरंग का काम चल रहा है। उसका काम भी काम जल्द पूरा कर लिया जाएगा। परियोजना में कुल 37 पुल बने हैं। इनमें 22 बड़े और 15 छोटे पुल हैं।किरतपुर से नेरचौक तक इस फोरलेन का काम लगभग पूरा हो गया है, लेकिन सुंदरनगर के पुंल से नौलखा तक करीब छह किलोमीटर बाईपास का निर्माण कार्य शेष है। नौलखा से नेरचौक तक का काम भी पूरा है।



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