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29 मई को आग की घटना ने खोल दी पोल

                                  सोलन-परवाणू के सहारे धर्मपुर की जनता, क्षेत्र में फायर टेंडर नहीं

सोलन,ब्यूरो रिपोर्ट 

धर्मपुर समेत साथ लगती पंचायतों की करीब 20,000 की आबादी सोलन-परवाणू और बनलगी के सहारे है। इन क्षेत्रों में आग की घटना के बाद फायर टेंडर के लिए दूसरी जगहों पर फोन करना पड़ता है। बड़ी आबादी होने के बाद भी धर्मपुर क्षेत्र के पास अपना न तो अग्निशमन केंद्र है और न ही कोई फायर टेंडर है। इससे लोगों को घटनाओं के दौरान परेशान होना पड़ता है। जब तक अग्निशमन विभाग की टीम सोलन-परवाणू से धर्मपुर पहुंचती है तब तक अधिकतर सामान राख हो जाता है।

सोलन से फायर टेंडर को धर्मपुर पहुंचने के लिए करीब आधा घंटा लग जाता है। जबकि परवाणू से 45 मिनट में फायर टेंडर धर्मपुर पहुंचते हैं। यही नहीं यदि दोनों जगहों से फायर टेंडर मौके पर आ भी जाते हैं। लेकिन इनके खाली हो जाने पर इधर-उधर भटकना पड़ता है। क्षेत्र में करीब छह किलोमीटर तक कोई स्रोत नहीं है जिससे फायर टेंडर में पानी भरा जा सके। 29 मई को धर्मपुर में मैकेनिक की दुकान और घर में लगी जंगल की आग ने इसकी पोल खोलकर रख दी थी।

इस दौरान 12:00 बजे सोलन से फायर टेंडर धर्मपुर पहुंचा और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू हुए। लेकिन भड़कती आग के बीच दोनों फायर टेंडरों में पानी कम पड़ गया। इसे भरने के लिए जब कोई साधन न मिला तो फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी के पानी के टैंकरों से काम चलाया गया। कंपनी के टैंकरों ने करीब चार से पांच चक्कर लगाए और फायर टेंडर में पानी भरा। ऐसे में व्यक्ति को करीब तीन करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।वहीं, इन दिनों जंगल में रोजाना आग लग रही है जो रिहायशी क्षेत्रों तक पहुंच रही है। ऐसे में धर्मपुर क्षेत्र में यदि अपना फायर टेंडर होता तो लोगों को अधिक परेशानी नहीं होती और आग पर समय रहते ही काबू पा लिया जाता। लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान नेता कई वादे कर जाते हैं। लेकिन लोगों की सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं देता। आवश्यकता के अनुसार को चीज नहीं दी जाती। लोगों ने सरकार से मांग की है कि धर्मपुर में अग्निशमन केंद्र खोला जाए ताकि लोगों आग की घटनाओं के दौरान परेशान न होना पड़े।





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