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आखिर क्यों राशन गोदाम प्रभारी को 72 लाख रुपये का जुर्माना

                                                            विभाग ने जांच की बाद की कार्रवाई

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के देहरा डिपो से राशन गायब होने के मामले गोदाम इंचार्ज को विभाग ने 72 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। विभागीय जांच में निगम के गोदाम इंचार्ज की गलती सामने आई है। यह संभवत: प्रदेश का पहला मामला है, जब राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के किसी कर्मचारी को इतनी बड़ी पेनल्टी लगाई गई है।

दरअसल प्रदेश सरकार की ओर से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल, एपीएल और एपीएल-एलटी राशन कार्ड धारकों को उचित मूल्यों की दुकानों के माध्यम से सस्ती दरों पर चावल, आटा, गंदम, लेवी चीनी, दालें, खाद्य तेल और नमक दिया जाता है। बीते माह राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के देहरा डिपो से क्षेत्र की 102 उचित मूल्य की दुकानों के लिए राशन भेजा गया, लेकिन यह राशन डिपुओं में नहीं पहुंचा। अमर उजाला ने 28 मई के अंक में इस मामले को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था।खबर छपने के बाद राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और हिमाचल प्रदेश खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग हरकत में आए। विभाग ने जब जांच की तो पाया कि निगम के देहरा डिपो से राशन भेजने की रजिस्टर पर तो एंट्री है, लेकिन उचित मूल्य की दुकानों पर यह खाद्य सामग्री नहीं पहुंची।

इसके बाद पहले तो विभाग ने संबंधित गोदाम इंचार्ज को देहरा से हटाकर जिला मुख्यालय धर्मशाला भेजा और देहरा में गोदाम इंचार्ज के पद पर नए कर्मचारी की नियुक्ति की। उसके बाद विभागीय कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट शिमला निदेशालय भेजी गई। अब निदेशालय से प्राप्त आदेशों के तहत संबंधित गोदाम इंचार्ज को 72 लाख रुपये का जुर्माना ठोंका गया है। जुर्माना न भरने की सूरत में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के देहरा डिपो से राशन गायब होने के मामले की जांच पूरी हो गई है। आरोपी गोदाम इंचार्ज को 72 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई है। 




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