सदन में महापौर और कांग्रेस पार्षद में बहस
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
राजधानी में बुधवार को स्कूली बच्चे पर हुए लावारिस कुत्तों के हमले पर खूब बवाल हुआ। कुत्ते के हमले में लहूलुहान हुए बेटे को पहले पिता ने आईजीएमसी अस्पताल पहुंचाकर भर्ती करवाया।
फिर खुद दोपहर 12:00 बजे महापौर दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गए।वहीं दोपहर 3:00 बजे से शुरू हुए नगर निगम सदन में भी पार्षदों ने इस मामले पर हंगामा कर दिया। सदन शुरू होते ही कांग्रेस और भाजपा के कई पार्षद अपनी सीट पर खड़े हो गए और इस पर जवाब मांगने लगे। पार्षद कमलेश मेहता, निशा ठाकुर, विशाखा मोदी, आशा शर्मा, सिमी नंदा और वीरेंद्र ठाकुर ने पूछा कि कुत्तों के आतंक से कब राहत मिलेगी। नगर निगम इतना लापरवाह है कि कुत्तों को भी नहीं पकड़ रहा। आखिर इनकी नसबंदी के लिए डॉक्टर कब आएगा। मेयर सुरेंद्र चौहान और आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने कहा कि नियमों के अनुसार ही हम कार्रवाई कर सकते हैं।
डॉक्टर की तैनाती का मामला सरकार के सामने उठाया है। कहा कि जब तक डॉक्टर नहीं मिल जाते तब तक किसी आउटसोर्स एजेंसी से यह काम करवा सकते हैं। पार्षदों को डॉग रूल बताए गए। इस पर पार्षद भड़क गए। कांग्रेस पार्षद नरेंद्र ठाकुर बोले कि जिस गरीब के बच्चे को काटा है, क्या उसे हम यह रूल दिखाएंगे। बोले कि हमें शर्म आती है कि हम कुछ नहीं कर पा रहे। गुस्साए लोग पार्षदों को जूते मारने के लिए तैयार हैं। पार्षद अनिता शर्मा ने कहा कि लंगूर पकड़ने में भी यही जवाब मिलता है।कांग्रेस पार्षद नरेंद्र ठाकुर और मेयर के बीच तीखी बहस भी हो गई। मेयर ने कहा कि राजनीति मत कीजिए और यदि सुझाव हैं तो बताएं।
इसके बाद पार्षद नरेंद्र ठाकुर भाजपा पार्षदों के साथ मेयर के सामने धरने पर बैठ गए। हंगामा बढ़ता देख मेयर को 3:40 बजे सदन स्थगित करना पड़ा। 20 मिनट बाद 4:00 बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो फिर इस पर हंगामा हुआ। पार्षद बोले कि इस बारे में कोर्ट में याचिका दायर की जाए। आयुक्त ने कहा कि इस मामले पर कोर्ट में मामला भी चल रहा है। निगम ने पहले ही इस मामले में अपना पक्ष रखा है। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में केंद्र को नोटिस दिया है जिसमें डॉग रूल में संशोधन करने को कहा है।
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