जमीन एक, प्रोजेक्ट अनेक... धरातल पर एक भी नहीं उतरा
काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान
उपमंडल धर्मशाला के बनगोटू गांव की सरकारी जमीन बीते 15 वर्षों से बड़े-बड़े विकास प्रोजेक्टों की घोषणाओं का गवाह बन चुकी है। मगर हकीकत यह है कि अब तक वहां एक भी प्रोजेक्ट धरातल पर नहीं उतर पाया।
बार-बार विभाग और योजनाएं बदलीं, पर जमीन पर न तो ईंट रखी गई और न ही कोई निर्माण कार्य शुरू हुआ।जानकारी के अनुसार सबसे पहले बनगोटू गांव में यह 13 हेक्टेयर भूमि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के परिसर के लिए चिह्नित की गई थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यहां खंभे तक गाड़ दिए थे, लेकिन बाद में यह साइट रद्द कर दी गई और विश्वविद्यालय के लिए नई जगह जदरांगल में तय कर दी गई।इसके बाद वर्ष 2017 में इसी भूमि को भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा हाई एल्टीट्यूड स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर के लिए प्रस्तावित किया गया। यह सेंटर 250 करोड़ रुपये की लागत से बनना था। अगर यह बनता तो देश का पहला हाई एल्टीट्यूड स्पोर्ट्स सेंटर कहलाता, लेकिन आठ वर्षों में भी इस पर कोई कार्य प्रारंभ नहीं हुआ।
अब ताजा स्थिति यह है कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने इसी भूमि को अब हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अंतर्गत प्रस्तावित वेलनेस सेंटर के लिए आरक्षित कर दिया है।हालांकि भूमि पर अब प्रस्तावित वेलनेस सेंटर को लेकर भी स्थानीय लोगों में संशय है कि कहीं यह योजना भी सिर्फ कागजों में ही सिमटकर न रह जाए। लोगों का कहना है कि बनगोटू की यह जमीन विकास के नाम पर वर्षों से अधर में लटकी हुई है। कई प्रोजेक्टों की घोषणाएं हुईं, मगर जमीन पर उनकी कोई झलक नहीं मिली। अब वे चाहते हैं कि योजना पर गंभीरता से अमल हो और बनगोटू का यह सपना हकीकत बने।प्रदेश सरकार की ओर से बनगोटू में वेलनेस सेंटर का प्रस्ताव आया है। उच्चाधिकारियों से इस पर विचार-विमर्श चल रहा है। हाई एल्टीट्यूड स्पोर्ट्स सेंटर के लिए अन्यत्र भूमि का चयन किया जाएगा।
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