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हिमाचल प्रदेश के लोगों को पानी पर अपना हक चाहिए मिलना

                                                   सरकार लड़ाई लड़ रही है,यह लड़ाई लंबी है

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों को पानी पर अपना हक मिलना चाहिए। इसके लिए सरकार लड़ाई लड़ रही है। यह लड़ाई लंबी है। 

यदि इसका पैसा मिल जाए तो प्रदेश को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पानी हिमाचल की बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा है। राज्य 12,000 मेगावाट बिजली पैदा करता है, फिर भी हिमाचल को इससे क्या मिला। एसजेवीएनएल 6,700 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है, लेकिन उन्हें पूछना चाहिए कि हिमाचल को क्या मिला। मुख्यमंत्री ने यह बात न्यू शिमला के सेक्टर-5 में 18 करोड़ रुपये की लागत से बनी पार्किंग के उद्घाटन अवसर पर कही।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब और हरियाणा पानी को लेकर लड़ रहे हैं, लेकिन पानी हिमाचल से बह रहा है।


बदले में हमें क्या मिल रहा है। सुक्खू ने सरकार को विरासत में मिली वित्तीय चुनौतियों पर कहा कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो राज्य सरकार पर 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज था और सरकारी कर्मचारियों की 10,000 करोड़ रुपये की देनदारियां बकाया थीं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए राज्य सरकार को कुछ कड़े फैसले लेने पड़े। राज्य सरकार ने ईमानदार और पारदर्शी प्रयासों से पिछले ढाई वर्ष में 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है।

इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण विकास सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए गए मक्का, गेहूं और जौ सहित पशुपालकों को दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की है, जबकि पंजाब ने अब तक इसे लागू नहीं किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण सुधारों के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं।



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