जंगली अनार की बंपर पैदावार होने की उम्मीद
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
पठानकोट-मंडी हाईवे में उरला के पास जंगलों में अनार (दाड़ू) के पेड़ों में बंपर फ्लावरिंग पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है।
यहां दो से तीन किलोमीटर तक हाईवे किनारे जंगल में सैकड़ों जंगली अनार के पौधे लाल फूलों से भरे हैं। इस बार जिले में जंगली अनार की बंपर पैदावार होने की उम्मीद है।मंडी जिले में प्राकृतिक रूप से जंगलों में अनार के सैकड़ों पौधे हैं। यह एक ऐसी दौलत है जो जहां-वहां बिखरी है, जिसे बस समेटना होता है। सितंबर और अक्तूबर में लोग जंगली अनार को एकत्रित करके इसके दानों को निकालकर सुखाते हैं।सुखाने के बाद इन्हें बाजार में बेचा जाता है। जंगली अनार के सूखे हुए बीज 400 से 600 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिकते हैं। जंगली अनार कई बीमारियों के इलाज में भी रामबाण औषधि माना जाता है।
जंगली अनार तासीर में ठंडा होता है। एसिडिटी में भी यह फायदेमंद रहता है। कई बार मरीज को अत्यधिक दवाइयों का सेवन करना पड़ता है, ऐसे में उसे कब्ज की शिकायत रहती है। चिकित्सक भी मरीजों को अनार की चटनी के सेवन की सलाह देते हैं। मोटापे को कम करने में भी जंगली अनार मदद करता है। इसके अलावा इसके और कई फायदे हैं।देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले सैलानी भी जंगली अनार की खरीदारी करते हैं। कई सैलानी होटलों और ढाबों में जंगली अनार की चटनी की मांग करते हैं। गर्मियों में इसकी चटनी को अधिक तरजीह दी जाती है। जंगली अनार की खासियत यह है कि इसके दानों को सुखाकर आगामी कई सालों तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
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