पर्यटक वाहन, सार्वजनिक एवं निजी परिवहन और टैक्सियां शामिल
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सोमवार को आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक एवं निजी परिवहन व टैक्सियों में गार्बेज बिन रखना अनिवार्य किया गया है।
इसमें सभी प्रकार के पर्यटक वाहन, सार्वजनिक एवं निजी परिवहन और टैक्सियां शामिल हैं।प्रदेश में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने ये कदम उठाया है। मुख्य सचिव ने इस संबंध में व्यापक जन-जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाए जाने पर बल दिया, जिससे प्रदेशवासियों सहित आने वाले पर्यटकों को भी इस बारे जागरूक किया जा सकेगा। इस संबंध में सार्वजनिक व निजी परिवहन सेवाओं, टैक्सियों एवं पर्यटक वाहनों में अनाशित व आशित कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक से बनी वस्तुओं में भोजन या अन्य खाद्य पदार्थों के परोसने पर 1500 रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा।
साथ ही लोक परिवहन वाहनों में कूड़ा-कचरा पात्र (गार्बेज बिन) स्थापित न करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना किए जाने का प्रावधान है।बोध सक्सेना ने कहा कि प्रदेश में आशित कूड़ा-कचरा और अनाशित कूड़ा-कचरा अपशिष्ट को फेंकने की घटनाएं देखी जा रही हैं, जिसके कारण न केवल प्रदूषण बढ़ता है, बल्कि नालों इत्यादि के जाम होने से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पर्यटक वाहनों के साथ-साथ सार्वजनिक एवं निजी परिवहन एवं टैक्सियों से कूड़ा फेंकने की घटनाएं देखी गई हैं।
इसके मद्देनजर राज्य में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 5 और हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (नियंत्रण) अधिनियम-1995 की धारा-3-क की उपधारा (1) के तहत लोक जल निकास और मलव्ययन में कूड़ा-कचरा फेंकने को प्रतिबंधित किया गया है।इसी अधिनियम के तहत प्रदेश में सभी प्रकार के सार्वजनिक एवं निजी परिवहन व टैक्सी सेवाओं में गार्बेज बिन रखना अनिवार्य किया गया है, जिससे कूड़े-कचरे का सही निपटारा सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत प्रदेश में सभी प्रकार के पर्यटक वाहनों, सार्वजनिक एवं निजी परिवहन और टैक्सियों में गार्बेज बिन रखना अनिवार्य होगा।
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