ऑनलाइन आवेदन में गलत श्रेणी भरने पर याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट से मिली राहत
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने साइबर कैफे से ऑनलाइन आवेदन करते वक्त गलत श्रेणी भरने पर याचिकाकर्ता को राहत दी है।
न्यायाधीश ज्योत्सना रिवॉल दुआ की अदालत ने विज्ञापन में गलत श्रेणी भरने को तुच्छ त्रुटि मानते हुए इसमें सुधार की अनुमति दी है। अदालत ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को याचिकाकर्ता को अपनी श्रेणी अनुसूचित जाति से अनुसूचित जनजाति में बदलने की अनुमति देने के आदेश दिए हैं और उसे अनुसूचित जनजाति वर्ग के उम्मीदवार के रूप में आगे की चयन प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति देने के निर्देश दिए।बता दें कि याचिकाकर्ता ने महिला कांस्टेबल के पद के लिए आवेदन किया था। आवेदन करते समय अपनी श्रेणी गलती से अनुसूचित जाति भर दी थी, जबकि वह अनुसूचित जनजाति से संबंध रखती है। याचिकाकर्ता ने साइबर कैफे की सहायता से ऑनलाइन आवेदन किया था और अपने आवेदन के साथ अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र भी अपलोड किया था। प्रवेश पत्र में उसकी श्रेणी अनुसूचित जाति के रूप में दर्ज थी। शारीरिक दक्षता, मानक परीक्षण के दौरान, उसने अपना फार्म अनुसूचित जनजाति के रूप में भरा, जिससे यह विसंगति सामने आई।
याचिकाकर्ता ने तुरंत त्रुटि सुधारने के लिए आयोग को आवेदन दिया, लेकिन आयोग ने उसके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। न्यायालय ने इसे एक वास्तविक और अनजाने में हुई गलती माना, क्योंकि उसने अनुसूचित जनजाति का प्रमाणपत्र अपलोड किया था और पुलिस अधिकारियों की ओर से विसंगति बताए जाने पर ही उसे गलती का पता चला। न्यायालय ने उल्लेख किया कि विज्ञापन में श्रेणी सुधार की अनुमति थी और याचिकाकर्ता की इस गलती को तुच्छ त्रुटि माना। अदालत ने बताया कि यह जानबूझ कर की गई गलती नहीं है। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 4 अक्तूबर 2024 को हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग में महिला कांस्टेबल के 380 पदों पर भर्ती के लिए एक विज्ञापन जारी किया था। ऑनलाइन आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर थी। महिला कांस्टेबल के 380 पदों को आगे श्रेणीवार विभाजित किया गया था, जिसमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियां भी शामिल थीं। इसी आवेदन को भरते वक्त याचिकाकर्ता ने अपनी श्रेणी गलत भर दी थी।
0 Comments