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त्रियूंड में शुल्क वसूला जा रहा 200 रुपये

                                                        सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा

काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान 

विश्व प्रसिद्ध त्रियूंड ट्रैक में इन दिनों रोजाना सैकड़ों सैलानी जा रहे हैं। यहां वन विभाग की ओर से ईको टूरिज्म सोसायटी हर सैलानी से 200 रुपये प्रवेश शुल्क वसूल रही है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं दिया जा रहा है। गलू से करीब आठ किलोमीटर के ट्रैक पर न तो शौचालय की सुविधा और न पर्याप्त पानी की व्यवस्था है। 

इस वजह से पर्यटकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को हो रही है।शौचालय न होने की वजह से देश-विदेश के पर्यटकों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। इससे ट्रैक पर जगह-जगह गंदगी का आलम है। त्रियूंड की पहाड़ी से होकर निकलने वाले नदी-नालों में यह गंदगी मिल रही है। पीने के पानी की व्यवस्था न होने के कारण सैलानी बोतलों का पानी पीकर बोतलें वहीं फेंक देते हैं, जिससे क्षेत्र में गंदगी और अधिक फैल रही है। 

सैलानी हैप्पी, अर्जुन, नेहा, दिपांशी, आयान, अनिकेत और मनुशिका आदि ने बताया कि त्रियूंड जाने के लिए हर व्यक्ति से पैसे लिए जा रहे हैं, लेकिन सुविधाएं कुछ नहीं दी जा रही हैं। ट्रैक की हालत भी काफी खस्ता है। प्रशासन और विभाग को चाहिए कि रास्ते में महिलाओं के लिए तो शौचालयों की व्यवस्था होनी चाहिए।त्रियूंड ट्रैक में वन विभाग के कर्मचारियों को जगह-जगह तैनात किया है। रास्ते की भी मरम्मत की गई है। धीरे-धीरे कमियों को दूर किया जा रहा है। आने वाले समय में सैलानियों को शौचालय सहित अन्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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