अभी तक आठवीं कक्षा तक सभी होते थे पास
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल में डिटेंशन पॉलिसी लागू होते ही 762 विद्यार्थी फेल हो गए हैं। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में पांचवीं के 183 और आठवीं कक्षा के 579 विद्यार्थी दूसरी बार हुई परीक्षा में भी पास नहीं हुए। सात साल बाद प्रदेश में दोबारा पॉलिसी लागू हुई है।
परीक्षा पास करने के लिए न्यूनतम अंक प्राप्त करना अनिवार्य कर दिया गया है।मुख्य परीक्षा में पास होने लायक अंक प्राप्त नहीं होने की स्थिति में विद्यार्थियों की एक माह बाद दोबारा से परीक्षा होती है। इस परीक्षा में भी जो बच्चे पास नहीं होते हैं, उन्हें पुरानी कक्षा में ही रोक दिया जाता है। पहले आठवीं कक्षा तक विद्यार्थी फेल नहीं होते थे। ग्रीष्मकालीन स्कूलों में मार्च 2025 में हुई वार्षिक परीक्षाओं से इस व्यवस्था को शुरू किया गया है। शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर 2025 में होने वाली दोनों कक्षाओं की परीक्षाओं में नई व्यवस्था लागू होगी।दिसंबर 2024 में केंद्र सरकार ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन किया था। केंद्र के फैसले के बाद नो डिटेंशन पॉलिसी को हिमाचल सरकार ने भी बंद कर दिया है। देश में नो डिटेंशन पॉलिसी का फैसला लागू होने के बाद से हिमाचल इसका विरोध कर रहा है। साल 2019 में हिमाचल सरकार ने पांचवीं और आठवीं कक्षा में बिना परीक्षा पास किए बच्चों को पास नहीं करने का फैसला लिया था, लेकिन इस फैसले को सख्ती से लागू नहीं किया।
अब कांग्रेस सरकार ने शिक्षा गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नो डिटेंशन पाॅलिसी को समाप्त कर दिया है।पांचवीं कक्षा में सोलन में सबसे अधिक विद्यार्थी फेल हुए। मार्च की परीक्षा में यहां 235 बच्चे फेल हुए थे। दोबारा हुई परीक्षा में 139 फिर फेल हो गए। ऊना में 32 में से सात, बिलासपुर में 65 में सात, मंडी में नौ में से तीन, शिमला में छह में से तीन और चंबा में चार में से एक विद्यार्थी दूसरी बार हुई परीक्षा भी पास नहीं कर सके। हमीरपुर में नौ, कांगड़ा में 19 और कुल्लू में 26 विद्यार्थी मार्च की परीक्षा में फेल हुए थे। उधर, विभागीय अधिकारियों ने बताया कि नो डिटेंशन पाॅलिसी के कारण ही दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम बेहतर नहीं हो पा रहा था। नई व्यवस्था में एक-दो साल के भीतर शिक्षा व्यवस्था में सुधार आएगा।शिक्षा की गुणवत्ता बनाने के लिए सरकार ने नो डिटेंशन पॉलिसी को बंद कर दिया है। पहली बार हुई परीक्षा में पांचवीं और आठवीं कक्षा के 762 विद्यार्थी दूसरी बार हुई परीक्षा में भी पास नहीं हुए हैं। इन विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। शीतकालीन स्कूलों में दिसंबर से व्यवस्था लागू होगी।
0 Comments