किसान यूरिया खाद की खरीद करने इफको के गोदामों में पहुंचे
ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट
जिले में आलू की फसल की बिजाई को एक माह पूरा हो चुका है। वर्तमान में किसान आलू की गुड़ाई में जुटे हुए हैं। इसके लिए मजदूरों की मदद ली जा रही। हालांकि कई किसानों ने मजदूरी महंगी होने के कारण गुड़ाई नहीं कराने का निर्णय भी लिया है।
इस बीच खाद की मांग एकाएक बढ़ी है। किसान यूरिया खाद की खरीद करने इफको के गोदामों में पहुंच रहे हैं।जानकारी के अनुसार ऊना में 20 सितंबर के आसपास आलू की बिजाई हुई थी। दो माह वाली यह फसल शानदार तरीके से तैयार हो रही है। एक माह बाद इसे मंडियों में पहुंचाया जाए। किसान अच्छी पैदावार के लिए अब गुड़ाई करवा रहे हैं। हालांकि इस बार मजदूर गुड़ाई के लिए महंगे दाम ले रहे हैं।एक कनाल भूमि की गुड़ाई के 650 से 700 रुपये लिए जा रहे हैं। ऐसे में जिन किसानों ने 100 या इससे अधिक कनाल भूमि पर आलू तैयार किए हैं, वे गुड़ाई के चक्कर में नहीं पड़ रहे। केवल सिंचाई के बाद खाद का छिड़काव किया जा रहा।
इस फसल की बिजाई में जहां 12-32-16 खाद का इस्तेमाल होता है तो वहीं गुड़ाई के समय में यूरिया खाद का छिड़काव किया जाता है।किसान रमेश कुमार, सुखदेव, अमरीक सिंह, सुरेंद्र कुमार, शिवराम ने बताया कि इस बार फसल अच्छी तैयार हुई है। दाम अच्छे रहे तो मुनाफा ठीक हो जाएगा। प्रति क्विंटल आलू की कीमत 1500 से अधिक रहे, तब मुनाफा ठीक होता है।उपनिदेशक जिला कृषि विभाग डॉ. कुलभूषण धीमान ने बताया कि आलू की फसल के लिए मौसम की परिस्थितियां अनुकूल हैं। जब आवश्यकता थी, उस समय बारिश भी हुई। एक माह बाद फसल को बिक्री के लिए मंडियों में पहुंचाया जाएगा। इस वर्ष फसल को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद है।
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