नशा तस्करों का पता लगाने के लिए पंचायत स्तर पर होगी मैपिंग
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल में तीन महीने के भीतर नशे के खिलाफ बड़ा एक्शन होगा। सरकार ने बड़े स्तर पर नशा विरोधी अभियान शुरू करने की तैयारी की है। हिमाचल पुलिस की 12वीं हाफ मैराथन के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने यह एलान किया।
उन्होंने कहा कि नशा तस्करों का पता लगाने के लिए पंचायत स्तर पर मैपिंग कर रहे हैं। पुलिस से इसकी रिपोर्ट मांगी है। नशा तस्करी पर शिकंजा कसने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित की जा रही है, जिसके लिए कांस्टेबलों के 500 पद भरने की प्रक्रिया चल रही है। जवाबदेही तय करने के लिए पुलिस मैनुअल में संशोधन होगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सिरमौर के पच्छाद उपमंडल के कोटला बड़ोग में 100 बिस्तर वाले राज्य स्तरीय आदर्श नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र का निर्माण कार्य इसी साल शुरू हो जाएगा। 5.34 करोड़ से बनने वाले केंद्र में मनोरंजन स्थल, पुस्तकालय, व्यायामशाला, ध्यान और योग की सुविधाएं मिलेंगी। केंद्र के लिए 157 बीघा 7 बिस्वा जमीन चिह्नित कर ली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ दोहरी रणनीति पर काम हो रहा है।
नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई और नशे के आदि लोगों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाया जा रहा है।सरकार ने पीआईटी-एनडीपीएस एक्ट लागू किया है, जिसे पिछली भाजपा सरकार पांच साल में भी लागू नहीं कर पाई। इसके तहत 40 डिटेंशन आदेशों को मंजूरी दी है, जिनमें से इस वर्ष 36 को लेकर आदेश जारी किए जा चुके हैं। सात नशा तस्करों की संपत्तियां गिराई गई हैं और अन्य के खिलाफ भी जल्द कार्रवाई की तैयारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हिमाचल प्रदेश एंटी ड्रग्स एक्ट पारित किया है, जिससे अपराधियों और पीड़ितों के बीच अंतर हो सके। नशे से पीड़ित लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार काम कर रही है, ताकि उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जा सके। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों के साथ खुला संवाद करने का आह्वान किया।
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