हिमाचल में पैरामेडिकल सीटों का बड़ा विस्तार
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त और आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने 23 साल बाद पैरामेडिकल कोर्सों में सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसके तहत शिमला के आईजीएमसी और कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में प्रत्येक प्रमुख पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या 50 कर दी गई है।
इस फैसले से जहां प्रदेश को प्रशिक्षित तकनीकी स्टाफ मिलेगा, वहीं युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर भी प्राप्त होंगे।मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बताया कि आईजीएमसी में पैरामेडिकल सीटें 10 से बढ़ा कर 50 और टांडा मेडिकल कॉलेज कांगड़ा में 18 से बढ़ाकर 50 करने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि इस समय सरकारी क्षेत्र में पैरामेडिकल स्टाफ की सीटें बहुत कम हैं। सरकार ने आईजीएमसी में बीएससी मेडिकल लेबोरेटरी तकनीक, बीएससी रेडियोलॉजी और इमेजिंग, बीएससी एनेस्थीसिया और ओटी तकनीक के प्रत्येक पाठ्यक्रम की सीटें 10 से बढ़ाकर 50 करने का फैसला लिया है।
इसी तरह डॉ. राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में बीएससी मेडिकल लेबोरेटरी तकनीक, बीएससी रेडियोलॉजी और इमेजिंग तथा बीएससी एनेस्थीसिया और ओटी तकनीक में प्रत्येक पाठ्यक्रम की सीटें 18 से बढ़ाकर 50 की गई हैं। इससे प्रदेश के युवाओं को राज्य में ही प्रशिक्षण प्राप्त हो सकेगा। विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में प्रशिक्षित तकनीकी कर्मचारियों की भारी कमी को दूर करने के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। सीटें बढ़ने से प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं देने में मदद मिलेगी और आधुनिक मशीनों तथा उपकरणों के उपयोग के लिए प्रशिक्षित स्टाफ भी उपलब्ध होगा।मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार प्रदेश के लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार कर रही है। इस फैसले से युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को एम्स दिल्ली के बराबर स्तरोन्नत करने का लक्ष्य रखा गया है।
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