अब क्षमता के आधार पर मिलेगा एमबीबीएस में दाखिला
मंडी,ब्यूरो रिपोर्ट
दिव्यांगजनों को एमबीबीएस में दिव्यांगता प्रतिशतता के आधार पर दाखिला नहीं मिलेगा। मेडिकल बोर्ड दिव्यांग के एमबीबीएस करने की क्षमता के आधार पर प्रमाणपत्र जारी करेगा। इसी आधार पर दिव्यांग उम्मीदवार को एमबीबीएस के लिए दाखिला मिलेगा।
यह प्रमाणपत्र राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सेक्टर-32 चंडीगढ़ के मेडिकल बोर्ड की ओर से जारी किया जाएगा। अटल मेडिकल एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (एएमआरयू) ने नेशनल मेडिकल काउंसिल के निर्देशों को लागू करते हुए बड़ा बदलाव किया है। दिव्यांगजन का यूडीआईडी होना जरूरी है।इसी आधार पर एएमआरयू शुरू में अस्थायी तौर पर सीट दे सकता है, लेकिन दाखिला बोर्ड के प्रमाणपत्र के अनुसार ही होगा। जिला स्तर पर बनाए गए दिव्यांगता प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे। इसमें केवल दिव्यांगता प्रतिशतता ही दर्शाई जाती है। मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए पांच प्रतिशत सीटें आरक्षित रहती हैं। पात्र उम्मीदवार न मिलने पर बाद में इन सीटों को जनरल कोटे में शामिल किया जाता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नेशनल मेडिकल काउंसिल ने नए निर्देश जारी किए हैं।
एमबीबीएस काउंसलिंग में हिमाचली कोटे में भी बदलाव किया है। हिमाचली बोनाफाइड उम्मीदवार की आठवीं, दसवीं, 11वीं और 12वीं में से दो कक्षाओं की पढ़ाई हिमाचल से की होनी चाहिए। हिमाचल सरकार में कार्यरत गैर हिमाचली कर्मचारियों के बच्चों के लिए हिमाचली कोटा लेने के लिए हिमाचल से 11वीं और 12वीं कक्षा पास करना अनिवार्य है।एएमआरयू ने एनआरआई कोटे को लेकर भी स्पष्ट किया है कि यह कोटा केवल एनआरआई या उनके बच्चों को ही मिलेगा। एनआरआई की अनुशंसा पर उनके रिश्तेदारों को यह कोटा नहीं मिल पाएगा। प्रदेश के छह सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कुल 20 एनआरआई कोटे की सीटें हैं। इनमें आईजीएमसी शिमला और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में दो-दो और अन्य चार कॉलेजों में चार-चार सीटें शामिल हैं।
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