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केमिकल फ्री होंगी बोर्ड की पुस्तकें

                                                                पेड़ों की लकड़ी के कागज का होगा उपयोग

काँगड़ा,ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की पुस्तकें केमिकल फ्री होंगी। इन पुस्तकों को पेड़ों से पहली बार निकलने वाली लकड़ी से बने कागज के इस्तेमाल से प्रिंट करवाया जाएगा। शिक्षा बोर्ड प्रबंधन बुक प्रिंटिंग में रददी कागज का दोबारा उपयोग करने से ग्रेज कर रहा है, जिससे किताबों में केमिकल की संभावना भी कम हो रही है।

शिक्षा बोर्ड हर वर्ष पहली से लेकर 12वीं कक्षा तक की 200 से अधिक विषयों तक की किताबों की प्रिंटिंग करवाता है। बोर्ड की इन पुस्तकों को प्रदेश के लाखों बच्चे पठन-पाठन में इस्तेमाल करते हैं। बार ज्यादातर बच्चे पन्ने बदलने के लिए अंगलियां जीभ से गीली करते हैं, जिससे उनकी सेहत पर विपरीत असर पड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।शिक्षा बोर्ड अपनी पाठ्य पुस्तकों को केमिकल फ्री बनाने की ओर अग्रसर है। हालांकि यह पूरी तरह से संभव नहीं है, लेकिन हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड अपनी बुक प्रिंटिंग में पेड़ों की लकड़ी से पहली बार बने कागज के इस्तेमाल पर बल दे रहा है। 

पहली बार के कागज से बुक प्रिंटिंग होने से रद्दी को रिसाइकल कर दोबारा इस्तेमाल करने की अपेक्षा इन पुस्तकों में केमिकल की भी कम संभावनाएं हैं। हालांकि, इन पुस्तकों की प्रिंटिंग पर बोर्ड को अधिक खर्च उठाना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड हर वर्ष पहली से लेकर 12वीं कक्षा तक की 200 से अधिक विषयों तक की किताबों की प्रिंटिंग करवाता है।हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड पुस्तके प्रिंट करवाने के लिए ऐसे कागज का उपयोग कर रहा है, जो एक बार ही इस्तेमाल में लाया जाएगा। बोर्ड की पुस्तकों में किसी भी पुरानी रद्दी कागज को रिसाइकल कर उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। बोर्ड के इस कदम से किताबों में केमिकल होने की संभावना भी कम हो रही है। बोर्ड की पुस्तकों में किसी भी पुरानी रद्दी कागज की रिसाइकल कर उपयोग में नहीं लाया जा रहा है।



 

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