कांग्रेस सरकार ने रोका डीए, 2,000 करोड़ से अधिक पहुंच गई देनदारी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
वीरवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए नेता विपक्ष ने कहा कि कर्मचारियों का लंबित महंगाई भत्ता कब जारी किया जाएगा।
इस मुद्दे पर सरकार ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। मुख्यमंत्री की ओर से डीए जारी करने का आश्वासन न दिए जाने और इधर-उधर की बातें करने पर भाजपा विधायक दल ने सदन से वॉकआउट किया है। हर बात मुख्यमंत्री घुमा फिराकर पूर्व सरकार के पर छोड़ देते हैं। ढाई साल से ज्यादा इस सरकार के गठन को हो गया है। इसके बाद भी पूर्व सरकार के ऊपर अपनी नाकामी का ठीकरा फोड़ना सरकार की बेशर्मी है।वीरवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए नेता विपक्ष ने कहा कि कर्मचारियों का लंबित महंगाई भत्ता कब जारी किया जाएगा। इस मुद्दे पर सरकार ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। मुख्यमंत्री की ओर से डीए जारी करने का आश्वासन न दिए जाने और इधर-उधर की बातें करने पर भाजपा विधायक दल ने सदन से वॉकआउट किया है। हर बात मुख्यमंत्री घुमा फिराकर पूर्व सरकार के पर छोड़ देते हैं। ढाई साल से ज्यादा इस सरकार के गठन को हो गया है। इसके बाद भी पूर्व सरकार के ऊपर अपनी नाकामी का ठीकरा फोड़ना सरकार की बेशर्मी है।
उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री को अपनी नाकामियों और गलतियों को स्वीकारा चाहिए। झूठी गारंटियां, झूठे वादे कर सत्ता हासिल करने वाली सरकार सब कुछ विपक्ष के जिम्मे नहीं थोप सकती है। नेता विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान सदन में कहा था कि मई से कर्मचारियों को डीए की एक किस्त मिल जाएगी, लेकिन अगस्त भी बीतने वाला है। अभी तक डीए देने की कोई घोषणा नहीं की गई। अब भी मुख्यमंत्री डीए जारी करने का आश्वासन भी नहीं दे रहे हैंं, इससे यह साफ है कि आने वाले समय में भी डीए नहीं मिलने वाला।कर्मचारी अपने इलाज के लिए भटक रहे हैं। सरकार ने ढाई साल से कर्मचारियों के मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया। इसके लिए भी क्या विपक्ष ही जिम्मेदार है। वीरभद्र सिंह की पूर्व सरकार के समय भी डीए लंबित था, जिसे हमारी सरकार ने दिया। यह सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन सरकार कर्मचारी हित के बजाय राजनीति कर रही है। सरकार कर्मचारियों को अविलंब डीए जारी करे।
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