सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर दिया जोर
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सभी प्रशासनिक सचिवों को स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने और लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं ताकि विकास परियोजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचाया जा सके। शुक्रवार को सभी प्रशासनिक सचिवों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले दिन से ही सुशासन और राज्य के लोगों की बेहतरी सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव विभागीय परियोजनाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा करेंगे। चूंकि राज्य और इसके लोगों का कल्याण वर्तमान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए उन्होंने सभी सचिवों से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए योजनाओं और स्कीमों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए समर्पण के साथ काम करने को कहा।उन्होंने निर्देश दिए कि कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के साथ पर्यटन परियोजनाओं से संबंधित अन्य कार्यों में भी तेजी लाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, पर्यटन, ऊर्जा, खाद्य प्रसंस्करण और डेटा भंडारण क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रही है और इन क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित कर रही है। लोगों को उनके घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण उपचार उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़े सुधार किए जा रहे हैं। सरकार राज्य के सभी सात मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं को सुदृढ़ कर रही है और उन्हें दिल्ली स्थित एम्स की तर्ज पर आधुनिक उपकरणों और उन्नत मशीनों से सुसज्जित कर रही है।
उन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और उनके लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा तैयार करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि एफआरए और एफसीए मामलों की स्वीकृति प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए और विभागों को अपने कार्यों के डिजिटलीकरण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राज्य की लगभग 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और इसलिए सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम कर रही है ताकि ग्रामीण आबादी को लाभ मिल सके। वर्तमान राज्य सरकार ने दूध की खरीद कीमतों में ऐतिहासिक वृद्धि की है और प्राकृतिक रूप से उगाए गए गेहूं, मक्का, जौ और हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी तय किए हैं।मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक खेती को अपनाने पर जोर दिया क्योंकि यह किसानों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत बन सकती है और कृषि विभाग को इस दिशा में समर्पण के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2023 की तरह इस साल भी मानसून ने राज्य में जान-माल का भारी नुकसान पहुंचाया है। फिर भी, राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों के साथ हर प्रभावित परिवार को सहायता और राहत प्रदान करने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने राजस्व विभाग को इस वर्ष की आपदा से हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए ताकि इसे बिना किसी देरी के केंद्र सरकार को भेजा जा सके।
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