लोगों की औसत आयु और साक्षरता दर बढ़ी
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश के मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) में बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश मानव विकास सूचकांक 0.78 है, जो राष्ट्रीय औसत 0.63 से अधिक है। इसके साथ ही हिमाचल प्रदेश में लोगों की औसत आयु यानी जीवन प्रत्याशा 72.6 वर्ष हो गई है, जो राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले 3.6 फीसदी ज्यादा है।
राष्ट्र स्तर पर औसत आयु 69 वर्ष आंकी गई है। वहीं, राज्य में साक्षरता दर 99.02 प्रतिशत पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय औसत 81 प्रतिशत से काफी अधिक है। हिमाचल में 94.9 प्रतिशत पुरुष व 91.7 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं। देश में 84.4 प्रतिशत पुरुष और 71.5 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं। बहुआयामी गरीबी की दर 7.6 प्रतिशत से घटकर 4.9 प्रतिशत हो गई है, जो भारत के 14.9 प्रतिशत से मुकाबले काफी कम है। यह खुलासा यूएनडीपी के सहयोग से जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर तैयार हिमाचल प्रदेश मानव विकास रिपोर्ट 2025 में किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार को यह रिपोर्ट जारी की।
इस मौके पर यूएनपीडी की इंडिया प्रमुख डॉ. एंजला लूसीकी भी मौजूद रहीं।रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 9.6 प्रतिशत बढ़कर राष्ट्रीय औसत से आगे निकल गई है। नवजात मृत्यु दर 1000 शिशुओं के पीछे प्रदेश में 20.5 है और देश में औसत 24.9 है। हालांकि, रिपोर्ट में चिंता जताई गई है कि पांच वर्ष से कम उम्र के 30 प्रतिशत से अधिक बच्चे अविकसित या कम वजन के हैं। सतत विकास मूल्य इंडेक्स में भी हिमाचल 77 के सूचकांक के साथ देश में पांचवें स्थान पर रहा है, जबकि राष्ट्रीय औसत 71 है।
जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक गंभीर वैश्विक समस्या बनकर उभरी है और यदि इसका तत्काल कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, तो वर्तमान और भावी पीढ़ियों, दोनों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश हमेशा से पर्यावरण-अनुकूल विकास के प्रति सक्रिय और संवेदनशील रहा है और उसने सतत विकास की रूपरेखा अपनाई है। राज्य ने कभी भी अपने जंगलों, नदियों या पहाड़ों का गैर-जिम्मेदाराना दोहन नहीं किया है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के प्रभाव केवल एक स्थान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर इसके दूरगामी प्रभाव हैं।
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