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मां-बेटी की अनोखी श्रद्धा: घुटनों के बल और दंडवत करते पहुंचे मां चिंतपूर्णी दरबार

                    आस्था का अद्भुत दृश्य: मां-बेटी ने अनोखे तरीके से किया मां चिंतपूर्णी का दर्शन

ऊना,ब्यूरो रिपोर्ट 

मां चिंतपूर्णी दरबार में श्रद्धा और विश्वास का ऐसा दृश्य शायद ही कभी देखने को मिले, जब वृंदावन से आई एक मां और उसकी बेटी ने अपनी अनोखी तपस्या से सबका दिल जीत लिया।

बेटी ने ऊना बस स्टैंड से मंदिर तक की संपूर्ण यात्रा दंडवत प्रणाम करते हुए पूरी की, जबकि मां घुटनों के बल चलते हुए देवी के दरबार तक पहुंचीं। मां-बेटी को श्रद्धालु निहारते ही रह गए। जानकारी के अनुसार दोनों ने अपनी यात्रा का आरंभ वृंदावन धाम से किया था।मां ने निश्चय किया कि वह बस स्टैंड से करीब एक किलोमीटर की यात्रा में हर पग घुटनों के बल बढ़ाकर मां चिंतपूर्णी के दर्शन करेगी, वहीं उनकी बेटी ने संकल्प लिया कि वह दंडवत प्रणाम करते हुए ही दरबार पहुंचेंगी। रास्ते भर दोनों ने कठिन मार्गों, बदलते मौसम और थकावट की परवाह किए बिना केवल माता रानी के प्रति अपनी अटूट भक्ति को साधना माना। 

मंदिर के मुख्य पुजारियों और श्रद्धालुओं ने भी उनके इस अद्वितीय भाव को सलाम किया।जब मां-बेटी ने देवी के दरबार में पहुंचकर आहुति और दर्शन किए तो माहौल भाव-विभोर हो उठा। कई श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गईं और पूरे परिसर में जय मां चिंतपूर्णी के जयकारे गूंज उठे। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की आस्था यात्रा न केवल भक्ति का प्रतीक है बल्कि यह भावनात्मक रूप से मां-बेटी के अटूट बंधन को भी प्रदर्शित करती है। ऐसी यात्राएं समर्पण और प्रेम का संदेश देती हैं कि सच्ची श्रद्धा कठिनाइयों से ऊपर होती है।


 


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