18 मार्च 2025 को एएसआई पंकज शर्मा को तलाश के लिए भेजा गया
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने विमल नेगी मौत मामले में सीबीआई की ओर से दायर एक एफआईआर में सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) पंकज शर्मा को सशर्त जमानत दे दी है।
न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने आरोपी याचिकाकर्ता पंकज शर्मा को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की एक जमानत राशि पर रिहा करने का आदेश दिया। पंकज शर्मा पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 315, 238 के साथ 108, 61(2), 3(5) में मामला दर्ज किया गया है।यह मामला चीफ इंजीनियर विमल नेगी के शव की तलाश के दौरान एक पेन ड्राइव को कथित तौर पर छुपाने और फॉर्मेट करने से संबंधित है। सीबीआई के अनुसार 18 मार्च 2025 को विमल नेगी का शव मिलने के बाद एएसआई पंकज शर्मा को तलाश के लिए भेजा गया।
जांच के दौरान उन्हें मृतक की जैकेट से एक पेन ड्राइव मिली, जिसे उन्होंने कथित तौर पर अपने पास रख लिया और बाद में शिमला के सदर पुलिस स्टेशन के कंप्यूटर में फॉर्मेट कर दिया।सीबीआई ने सीसीटीवी फुटेज का हवाला देते हुए बताया कि पंकज शर्मा ने 21 मार्च को सुबह 8:07 बजे सदर थाने के आईओ रूम में प्रवेश किया और 8:15 बजे पेन ड्राइव को कंप्यूटर में डालकर 8:20 बजे तक उस पर काम किया।
फोरेंसिक रिपोर्ट में भी पेन ड्राइव के फॉर्मेट होने की पुष्टि हुई। सीबीआई का आरोप है कि पंकज शर्मा ने अपराधियों को बचाने के गलत इरादे से पेन ड्राइव को फॉर्मेट किया। सीबीआई ने यह भी तर्क दिया कि पंकज शर्मा ने जांच में सहयोग नहीं किया, समय-समय पर अपने बयान बदले और पॉलीग्राफ व नार्को टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने के बाद अदालत में इससे इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि परीक्षण से पहले की सजा कानून के तहत निषिद्ध है, क्योंकि आरोपी तब तक निर्दोष माना जाता है जब तक कि दोषी साबित न हो जाए।
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