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स्कूल प्रिंसिपल की अध्यक्षता में बनेंगी पंचायत स्तरीय नशा निवारण समितियां

                                      युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए प्रशासन का बड़ा कदम

शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट 

सरकार ने प्रदेश में बढ़ती नशे की समस्या पर सख्ती दिखाते हुए पंचायत स्तर पर नशा निवारण समितियों के गठन का आदेश जारी किया है। गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि गांव स्तर पर नशे का प्रसार रोकने के लिए यह कदम उठाया है। समिति के अध्यक्ष का जिम्मा स्थानीय सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य या हेडमास्टर को सौंपा जाएगा।

 चायत सचिव/सहायक, पटवारी, स्थानीय आशा वर्कर, महिला मंडल/युवा प्रतिनिधि, एक वरिष्ठ नागरिक या सामाजिक कार्यकर्ता तथा संबंधित क्षेत्र के पुलिस हेड कांस्टेबल या कांस्टेबल को समिति का सदस्य बनाया जाएगा। समिति में पुलिस प्रतिनिधि को एसएचओ नामित करेंगे। सरकार ने सभी उपायुक्तों और खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन समितियों का गठन समय पर किया जाए और इनके संचालन के लिए आवश्यक प्रशासनिक सहायता उपलब्ध करवाई जाए।

समिति हर माह बैठक करेगी और गांवों में नशों की स्थिति की समीक्षा करेगी। इसके अलावा हेरोइन, चिट्टा और अन्य नशीले पदार्थों की गतिविधियों की निगरानी, तस्करों और उपभोक्ताओं की पहचान, संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग और स्थानीय पुलिस के साथ सूचनाओं के आदान–प्रदान का काम भी समिति की जिम्मेदारी होगी। समितियां स्कूलों और सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करेंगी, जिससे युवाओं और स्थानीय लोगों को नशे के नुकसान से अवगत कराया जा सके।



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स्कूल प्रिंसिपल की अध्यक्षता में बनेंगी पंचायत स्तरीय नशा निवारण समितियां