राज्यभर में सभी कामगारों के वेरिफिकेशन का आदेश, फर्जीवाड़े पर कसा जाएगा शिकंजा
हमीरपुर,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में मनरेगा के पात्र और अपात्र कामगारों की वेरिफिकेशन में अभी तक 9635 कामगारों की वेरिफिकेशन की जा चुकी है। इसमें करीब 953 कामगार अपात्र पाए गए हैं। अमीर लोगों ने खुद को कामगार बताकर हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड की योजनाओं का लाभ ले लिया। अब ऐसे लोगों पर एफआईआर दर्ज करवाने की तैयारी है।वर्ष 2021-22 के पांच महीनों के भीतर 70 हजार पंजीकरण किए गए थे। इनमें ऐसे कई लोगों को शामिल कर दिया है जो पात्र नहीं हैं।
ऐसे में उन लोगों की धरातल पर जांच की जा रही है। हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड ने मार्च 2026 तक वेरिफिकेशन करने का लक्ष्य रखा है। हर माह 240 लोगों की वेरिफिकेशन की जा रही है।अंदाजा है कि हिमाचल प्रदेश में करीब 1.5 लाख पात्र कामगार हैं, जबकि 4.57 लाख से पंजीकृत किए गए हैं। बोर्ड की मानें तो पूर्व सरकार के कार्यकाल में अपात्र लोगों को बांटी गई राशि को वापस लेने के लिए पंजीकृत कामगारों की धरातल पर वेरिफिकेशन की जाएगी और लाभ लेने वाले लोगों में जितने भी अपात्र लोग पाए जाएंगे उनसे वसूली की जाएगी। अगर कोई वापस नहीं करता है तो उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
हालांकि कई लोग लिए गए लाभों की राशि को वापस कर रहे हैं। बड़सर, भोरंज, सदर हमीरपुर और सुजानपुर के क्षेत्रों में नौ लाेगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, जिन्होंने छह लाख रुपये वापस कर दिया है।लाभ के लिए अप्लाई पूरे प्रदेश में 9635 वेरिफिकेशन की जा चुकी है। इसमें 953 अपात्र लोग पाए गए हैं। 2021-22 में 70 हजार लोग पंजीकरण किए गए थे। इनमें आचार संहिता से पहले बोर्ड के करीब 172 करोड़ रुपये बांट दिए गए थे। उसी समय के 70 हजार लोगों की करीब 172 करोड़ रुपये की देनदारी लंबित पड़ी हुई है। इनमें लाभ उठाने वाले अपात्र लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।


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