रियायतें देने में अटका सिस्टम, यात्रियों को फिलहाल नहीं मिल रहा कार्ड का पूरा लाभ
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल पथ परिवहन निगम ने 10 हजार लोगों के हिम बस कार्ड बन गए, लेकिन ये कार्ड परिवहन निगम की बसों में नहीं चल रहे हैं। परिचालकों के पास दी गई मशीनों को अपडेट न किए जाने से यह दिक्कतें पेश आ रही है। कार्ड की अवधि एक साल की है। जिस दिन कार्ड बनेगा, उससे एक साल तक यह मान्य होगा। सवारियां बसों में हिम बस कार्ड दिखा रही हैं, लेकिन परिचालक के पास मशीन में यह कार्ड स्कैन नहीं हो रहा है।
हिमाचल के डिविजन स्तर पर इन कार्डों को बनाया जा रहा है। यह कार्ड कब तक बनाए जाने हैं, इसकी भी निगम प्रबंधन की ओर से अंतिम तारीख तय नहीं है।प्रदेश सरकार की ओर से पथ परिवहन निगम की बसों में जिन्हें किराये में छूट दी गई है, उन्हें 236 रुपये देकर यह कार्ड बनाना है। अगर कोई व्यक्ति घर पर कार्ड लेना चाहता है तो उसके लिए अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। कार्ड बनाने के लिए काउंटर पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन प्रबंधन की ओर से मशीनों को अपडेट नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि इस प्रक्रिया को कम से कम 2-3 महीने का समय लगेगा।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों (10+2 तक), कॉलेजों, निजी व सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थी, राज्य व केंद्र सरकार के कर्मचारी, निगमों व बोर्डों के कर्मचारी, पुलिस कर्मी (कांस्टेबल से इंस्पेक्टर तक), जेल विभाग के अधिकारी (वार्डन से सहायक अधीक्षक तक), पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, स्वतंत्रता सेनानी व उनकी पत्नियां, राज्य और जिला स्तर के मान्यता प्राप्त है।
पत्रकार, शौर्य पुरस्कार विजेता, युद्ध विधवाएं, विशेष रूप से सक्षम व्यक्ति, एचआरटीसी के दिवंगत या सेवानिवृत्त कर्मचारियों की विधवाएं, सचिवालय सुरक्षा कर्मी, महिलाएं, केंद्रीय विश्वविद्यालय एवं केंद्रीय विद्यालयों के विद्यार्थी, कुष्ठ रोगी, राज्य पुरस्कार प्राप्त बच्चे (21 वर्ष तक) और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों के यह कार्ड बनने हैं।उधर, परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक निपुण जिंदल ने बताया कि अभी कार्ड बनाई जा रहे हैं। जल्द ही कार्ड बनाने समय सीमा तय की जाएगी। 15 जनवरी के आसपास सभी के कार्ड बन जाएंगे। निगम प्रबंधन की ओर से मशीनों को भी अपडेट करने का काम शुरू किया जा रहा है।
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