विश्वविद्यालय की बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी, शोधार्थियों को मिलेगी लचीली और व्यवस्थित शोध प्रणाली
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की अकादमिक काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को कुलपति प्रो. महावीर सिंह की अध्यक्षता में हुई। बैठक में यूजीसी के मानकों के अनुरूप पार्टटाइम पीएचडी कार्यक्रम शुरू करने को मंजूरी दी गई। एचपीयू ने स्पष्ट किया कि पार्टटाइम पीएचडी की अवधि भी यूजीसी के अनुसार न्यूनतम 4 वर्ष और अधिकतम 6 वर्ष होगी। इस निर्णय से विभिन्न संस्थानों में कार्यरत शिक्षक, शोधकर्ता और पेशेवर अपनी सेवाओं के साथ उच्च स्तरीय शोध जारी रख सकेंगे।परिषद ने डीआरडीओ के साथ संयुक्त सुपरविजन में पीएचडी डिग्री प्रारंभ करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की, जिससे शोध के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुलेंगी। इसके साथ ही दिव्यांगजन छात्रों के लिए परीक्षाओं के दौरान सहायक स्क्राइब को मानदेय देने का निर्णय भी लिया, ताकि उन्हें परीक्षा प्रक्रिया में सुविधा मिल सके। परिषद ने इक्डोेल के माध्यम से संचालित की जा रही स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री की अवधि को दोगुना करने को मंजूरी दी है। यह निर्णय 27 जनवरी 2022 से प्रभावी माना जाएगा, जिससे दूरस्थ शिक्षा के छात्रों को अपनी डिग्री पूरी करने के लिए अधिक समय मिलेगा।
परिषद ने पांच शोध केंद्रों को विभिन्न संबंधित फैकल्टी के अधीन करने को भी स्वीकृति दी, ताकि शोध कार्य अधिक व्यवस्थित और फैकल्टी आधारित निगरानी में संचालित हो सके। विश्वविद्यालय में कार्यरत अनुसंधान स्टाफ सीनियर रिसर्च ऑफिसर, रिसर्च ऑफिसर और प्रोजेक्ट ऑफिसर से संबंधित मुद्दों पर कार्यकारी परिषद के प्रस्ताव के संदर्भ में भी चर्चा की गई। बैठक में स्थायी समिति की सभी सिफारिशों को मंजूरी दी गई। एमटीटीएम, एमएचएम, एमए फिजिकल एजुकेशन और एमपीएड के पाठ्यक्रम में आंशिक संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही पीएचडी और एमएससी गणित सहित विभिन्न विषयों के प्रोजेक्ट्स के लिए नई परीक्षा प्रणाली को मंजूरी दी गई, जिससे मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और शोध केंद्रित बन सके।अकादमिक काउंसिल ने ठियोग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. भूपेंद्र सिंह ठाकुर को सर्वसम्मति से कार्यकारी परिषद का सदस्य चुना।
बैठक में प्रो. राजिंदर वर्मा, प्रो. बीके शिवाराम, रजिस्ट्रार ज्ञान सागर नेगी, प्रो. जोगिंदर सिंह धीमान सहित कई डीन, निदेशक, विभागाध्यक्ष, कॉलेज प्रिंसिपल और प्रोफेसर मौजूद रहे। बैठक में 37 सदस्य उपस्थित रहे।एचपीयू ने छात्रों के भविष्य और करियर को ध्यान में रखते हुए बीएससी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए राज्य सरकार से मंजूरी मांगी है। यह पहल प्रदेश के कॉलेजों में तकनीकी शिक्षा को मजबूत करने और छात्रों को आधुनिक रोजगारपरक कौशल से लैस करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। पाठ्यक्रम में गणित, सांख्यिकी, प्रोग्रामिंग, मशीन लर्निंग, डाटाबेस प्रबंधन और प्रोजेक्ट आधारित अध्ययन शामिल होगा। इससे छात्र न केवल तकनीकी कौशल सीखेंगे, बल्कि विश्लेषणात्मक क्षमता और शोध क्षमता भी विकसित कर सकेंगे। बैठक में अकादमिक काउंसिल ने प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दी। यह कोर्स छात्रों को न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार करेगा।
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