हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश-अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को स्पष्ट निर्देश
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे शादीशुदा जोड़े को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश जिया लाल भारद्वाज की खंडपीठ ने प्रतिवादी एसपी कांगड़ा और एसएचओ को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करें। खंडपीठ ने निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ताओं की ओर से दिए गए अभ्यावेदन पर विचार करें और किसी खतरे की आशंका होने पर एक अलग निर्णय लें। अदालत ने यह आदेश सुमंगला देवी और अन्य की याचिका पर दिया है।
याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट से जान के खतरे का हवाला देते हुए पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और मध्य प्रदेश के निर्णयों का हवाला दिया। इसमें यह दृष्टिकोण अपनाया गया था कि जहां एक साथी पहले से विवाहित है, वहां भी साथ रहने वाले व्यक्तियों को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सुरक्षा दी जा सकती है। याचिकाकर्ता पत्नी एक तलाकशुदा महिला है। जिसके साथ वह लिविंग इन रिलेशनशिप में रह रही है। वह अपनी पहली लीगल वेडिंग पत्नी से अलग रह रहा है। इन दोनों ने अदालत में गुहार लगाई थी की इनके परिजन इन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
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