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मंडी संसदीय सीट पर भाजपा-कांग्रेस में प्रत्याशी के सवाल पर असमंजस

                            भाजपा और कांग्रेस में मंडी संसदीय सीट से प्रत्याशी के मुद्दे पर असमंजस

मंडी , ब्यूरो रिपोर्ट 

लोकसभा चुनाव की जंग के लिए प्रदेश की हॉट सीट मंडी से प्रत्याशियों की तस्वीर अभी साफ नहीं हो पाई है। भाजपा ने हमीरपुर और शिमला सीटों पर अपने प्रत्याशियों को घोषित करने के बाद मंडी सीट को टिकट होल्ड पर रखा है। भाजपा, हालांकि, टिकट के लिए संभावित नामों की एक विस्तृत सूची है। 


कांग्रेस में सिटिंग एमपी प्रतिभा सिंह की स्थिति उलझ गई है। कांग्रेस के प्रत्याशी को एक महत्वपूर्ण चुनौती मिली है। भाजपा में टिकट चाहने वालों की सूची बहुत लंबी है। इस बार मंडी संसदीय क्षेत्र, जो आधे हिमाचल प्रदेश को प्रतिनिधित्व करता है, एक अलग समीकरण बनकर उभर रहे हैं। 2021 के उपचुनाव में हार के बाद भाजपा ने प्रत्याशी का चयन करने की उम्मीद बढ़ गई है। पार्टी, दूसरी ओर, मौजूदा सांसद और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के दो टूक इनकार से जुड़े बयान से निराश हो गई है। 


कांग्रेस चुनाव से पहले प्रतिभा का रुख बदल गया है। इस तरह की घटना पहली बार हुई है, जब एक प्रमुख राजनीतिक परिवार चुनाव को छोड़ देता है। इससे पहले, इस परिवार के दो-दो सदस्य एक साथ चुनाव लड़ते थे। चुनाव आयोग द्वारा आम चुनाव की घोषणा होने से पहले तक, सिटिंग एमपी प्रतिभा सिंह चुनाव लड़ने के लिए उत्साहित थीं। उन्होंने प्रदेश में बदले हुए राजनीतिक समीकरण और वर्तमान हालात के बीच चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। ऐसे में कांग्रेस के पास मंडी सीट पर अब कोई विकल्प नहीं है। कांग्रेस ने मंडी जिले में विधानसभा चुनावों में पहले ही भारी हार झेली है। 


पार्टी के वरिष्ठ नेता ठाकुर कौल सिंह भी दो चुनावों में पराजय झेल चुके हैं। चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। कांग्रेस को भी मंडी सीट पर बहुत कुछ करने का समय नहीं है। अब देखना होगा कि कांग्रेस किस पक्ष पर खेलती है। प्रदेश भाजपा ने संसदीय बोर्ड को नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर, प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल और प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा के नाम भी भेजे हैं। भाजपा टिकट के दावेदारों में नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर, सहकारी बैंक के निदेशक प्रियव्रत शर्मा, पूर्व प्रत्याशी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर और जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भंवर भारद्वाज भी शामिल हैं। भाजपा नेता राज्यसभा चुनाव और सुक्खू सरकार पर मंडरा रहे संकट को देखते हुए प्रतिपक्ष को चुनावी दंगल में उतारने से बच सकते हैं। ऐसे में ब्राह्मण चेहरा बिहारी लाल टिकट के मजबूत प्रतिद्वंद्वी बन सकता है।


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