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तारादेवी मंदिर मे नौ साल की प्रतीक्षा के बाद भंडारा

                                        तारादेवी मंदिर में भंडारा देने के लिए नौ साल लगेंगे

शिमला, ब्यूरो रिपोर्ट 

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में श्रद्धालुओं के लिए आज रविवार का भंडारा बुक करवाया जाए तो नौ साल के बाद बारी आ जाएगी। रविवार के भंडारे के लिए मंदिर में लंबी वेटिंग है। रविवार के भंडारे के लिए बुकिंग करने की तारीख 2032 है। 2014 में मंदिर में बुक करवाए गए भंडारे फिलहाल रविवार को होते हैं।  


रविवार को तारा माता के प्रति श्रद्धा और रविवार को छुट्टी के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते, लोगों का रविवार को भंडारा करवाना आम है। रविवार को भंडारे में लगभग तीन से साढ़े तीन हजार श्रद्धालु भोजन करते हैं। इसके अलावा, देश-विदेश से श्रद्धालु माता को देखने आते हैं। तारादेवी मंदिर के प्रबंधक अनिल शांडिल ने बताया कि 2014 के रविवार को मंदिर में बुक किए गए भंडारे होंगे। 


अब बुकिंग करने पर आपको 2032 और 2033 में स्टॉक करने का अवसर मिलेगा। रविवार को साल में केवल 52 भंडारे होते हैं, उन्होंने कहा। कोरोना काल में भंडारे नहीं हुए। इसके कारण वेटिंग बढ़ी है। श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि ऐसा होता है। इसके अलावा, नवरात्रों में भंडारा करने के लिए लोगों की लंबी वेटिंग होती है। 


उनका कहना था कि 1996 से मंदिर में भंडारे श्रद्धालुओं की ओर से होने लगे हैं। रविवार, नवरात्र और मंगलवार को श्रद्धालुओं का भंडारे करने का तांता लगा रहता है। मंदिर में एक वर्ष में मात्र 72 भंडारे हो सकते हैं। श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ता है क्योंकि ऐसा होता है। इसके अलावा, मंगलवार का भंडारा करवाने के लिए पर्यटकों की तीन वर्षों से वेटिंग चल रही है। 


मंदिर प्रबंधक ने बताया कि हर साल साढ़े तीन लाख लोग माता के सामने शीश नवाते हैं। टुरिस्ट सीजन (अप्रैल से जून) में बहुत से लोग तारादेवी को देखने आते हैं। देश: विदेश से भी लोग मंदिर आते हैं। इसके अलावा, नवरात्रों पर मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी रहती है। रविवार को ही तीन हजार श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं और भंडारे में भोजन करते हैं। 

हिमाचल पथ परिवहन निगम रविवार को तारादेवी मंदिर में भारी भीड़ को देखते हुए स्पेशल बसों को चलाता है। रविवार को पुराने बस अड्डे से एचआरटीसी की 20 से 22 बसें चलती हैं। मंदिर के लिए निगम की बसें भरी हुई हैं। निगम ने भीड़ को देखते हुए बसों की संख्या बढ़ा दी है। राजधानी की जानी-मानी तारादेवी दस महान विद्याओं में से एक है। मंदिर के पुजारी पंडित कमलेश ने कहा कि तारा माता अपने भक्तों को आशीर्वाद देती है और उनकी हर इच्छा पूरी करती है। मंदिर में माता तारा, माता काली और माता सरस्वती की अष्टधातु की मूर्ति हैं। मंदिर सुबह छह बजे से रात आठ बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है।


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