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जिला ऊना के घंडावल गांव में जल्द ही बांस के टूथब्रश, शेविंग रेजर, ब्रश और पेन का निर्माण शुरू हो जाएगा

                                                         बांस से बनेंगे टूथब्रश और शेविंग रेजर

ऊना,रिपोर्ट अविनाश चौहान 

जिला ऊना के घंडावल गांव में जल्द ही बांस के टूथब्रश, शेविंग रेजर, ब्रश और पेन का निर्माण शुरू हो जाएगा। घंडावल में बने टूथब्रश, शेविंग रेजर, ब्रश और पेन बैंबू इंडिया के सहयोग से देशभर में बेचे जाएंगे। इससे जहां प्लास्टिक सामग्री पर निर्भरता कम होगी, वहीं इससे क्षेत्र की लगभग 1500 महिलाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने सोमवार को घंडावल गांव में स्थापित किए जा रहे बैंबू विलेज के बैंबू ऑक्सीजन पार्क का शुभारंभ किया। 

इस दौरान उन्होंने पार्क में पौधरोपण भी किया। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के राष्ट्रीय बैंबू मिशन के तहत जिला प्रशासन घंडावल गांव में बैंबू विलेज स्थापित कर रहा है। इसे परियोजना के तहत घंडावल में बांस के विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाए जाएंगे।इनमें से विशेष रूप से बांस के टूथब्रश, शेविंग रेजर, ब्रश और पेन इत्यादि शामिल होंगे। इनका निर्माण कारने के लिए उपकरण भी उपलब्ध करवा दिए गए हैं। इस वाटिका में बांस की लगभग 30 प्रजातियों को रोपित किया गया है। उन्होंंने बताया कि इस परियोजना में बैंबू इंडिया और स्वां वूमेन फेडरेशन की भागीदारी रहेगी। फेडरेशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पाद तैयार किए जाएंगे। इन उत्पादों को बैंबू इंडिया द्वारा खरीदा जाएगा।

उपायुक्त ने बताया कि बैंबू से निर्मित उत्पादों के लिए विक्रय केंद्र और कैफे का निर्माण भी प्रस्तावित है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्लास्टिक उत्पादों की जगह बांस से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना है। इस मौके पर उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक अंशुल धीमान, उद्योग विभाग के प्रबंधक अखिल शर्मा, बैंबू इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश शिंदे, स्वां वूमेन फेडरेशन के मुख्य सलाहकार राजेश शर्मा सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।घंडावल में बैंबू विलेज की स्थापना के बाद यहां बांस के उत्पादों को निर्माण किया जाना है। बांस की मांग को देखते हुए कृषि विभाग ने मलाहत, बहली मोहल्ला, कैलाश नगर, डंगोह, बडेरा, नंगल खुर्द और अन्य गांवों में करीब 10 हेक्टेयर निजी भूमि में 50 प्रतिशत अनुदान पर 10 हजार बांस के पौधे लगवाए हैं।घंडावल में लगभग चार करोड़ से उत्तर भारत का पहला बैंबू विलेज स्थापित किया जा रहा है। बैंबू विलेज में पर्यावरण संरक्षण के साथ क्षेत्र की 100 महिलाओं को प्रत्यक्ष और लगभग 1400 महिलाओं को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।



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