कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो तो बड़ी से बड़ी बाधाएं भी आड़े नहीं आती
काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान
कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो तो बड़ी से बड़ी बाधाएं भी आड़े नहीं आती हैं। इसका उदाहरण जयसिंहपुर विधानसभा के गंदड़ पंचायत में हरि सिंह के घर 1952 में जन्मे डॉ. मिल्खी राम हैं।
उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई मुकाम हासिल करके इतनी डिग्रियां हासिल कर रखी हैं, जो आम व्यक्ति के लिए एक सपना लगती हैं। वह वर्तमान में 73 साल की उम्र तक पढ़ाई करते हुए 22 डिग्रियां और 11 डिप्लोमा हासिल कर चुके हैं।राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गंदड़ से 1969 में 10वीं तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद 19 वर्ष की आयु में उन्होंने पहले जनगणना विभाग में दो साल तक नौकरी की। उसके बाद इनकी हिमाचल प्रदेश वन विभाग में क्लर्क के पद पर तैनाती हो गई। वहां से वर्ष 2010 में ग्रेड दो अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए। सरकारी विभाग में नौकरी मिलने के पश्चात और उससे सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने अपने पढ़ने के जज्बे को नहीं छोड़ा। सबसे पहले उन्होंने प्रभाकर की।
फिर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से स्नातक की, फिर हिंदी की एमए, एमफिल, फिर कांगड़ा के लोकनाट्य परंपरा भक्त पर पीएचडी की।अब तक उन्होंने एलएलबी, एलएलएम, बीएड, एमएड, जेएमसी, अंग्रेजी एमए, एमफिल हिंदी, एमए राजनीति शास्त्र, एमए सोशोलॉजी, डिप्लोमा इन ट्रांसलेशन, डिप्लोमा एचआरडी, डिप्लोमा डीआरडी, डिप्लोमा डीडीएम, डिप्लोमा एजुकेशन और डिप्लोमा संस्कृत भाषा सहित शिक्षा के क्षेत्र में 11 डिप्लोमा और विषयों पर 18 एमए भी की है। अब वह ज्योतिष में एमए कर रहे हैं। अपने इस जज्बे के कारण ही आज यह हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं। हिमाचल सामान्य ज्ञान की छपने वाली पुस्तक लयूसेंट पब्लिकेशन के पृष्ठ नंबर 414 में उन्हें हिमाचल प्रदेश में सबसे अधिक पढ़े-लिखे व्यक्ति का खिताब दिया गया है।
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