प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय को मर्ज करना गलत फैसला
काँगड़ा,रिपोर्ट नेहा धीमान
हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ क्रमिक अनशन में सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक भी समर्थन में उतर आए हैं।
प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त शिक्षक जीएस बेदी ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार बदलाव कर रही है। इसका शिक्षक स्वागत करते हैं, लेकिन प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय को मर्ज कर एक अन्य निदेशालय बनाने से शिक्षा में गुणात्मक सुधार के बजाय शिक्षा का बुनियादी ढांचा तहस-नहस हो जाएगा। इसको लेकर कई बार संघ की सरकार के साथ वार्ता भी हुई है, जिसके परिणाम निराशाजनक ही रहे हैं। ऐसे में अब प्राथमिक शिक्षक विरोध करने को मजबूर हैं। सरकार के इस रवैये से खफा होकर सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षकों ने भी संघ की मांगों का समर्थन कर सरकार के विरोध में उतरने का फैसला लिया है।
पूर्व प्राथमिक शिक्षकों ने सोमवार को नगरोटा सूरियां विश्रामगृह में संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जीएस बेदी की अध्यक्षता में बैठक कर प्राथमिक शिक्षक संघ का समर्थन कर प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया।बेदी ने कहा कि सरकार प्राथमिक शिक्षा ढांचे को मजबूत बनाने की गरज से 1984 में खोले गए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को मर्ज के एक हो निदेशालय बनाकर गरीबों के बच्चों को शिक्षा से वंचित रखना चाहती है, जबकि प्रदेश की कांग्रेस सरकार चाहिए तो यह था कि प्रदेश की भूगोलिक स्थिति के मद्देनजर शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत हर डेढ़ किलोमीटर के अंदर प्राथमिक स्कूल खोलना जरूरी करना चाहिए। यही निर्णय लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शिक्षा के स्तर को प्रदेश में उठाने के लिए हर जगह प्राथमिक स्कूल खोले थे।
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