यह पता चल सके कि कौन से सोर्स का पानी पीने योग्य
शिमला,ब्यूरो रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में पेयजल स्रोतों, हैंडपंप, बावड़ियों के पानी की जांच होगी। इन सोर्स से पानी के सैंपल जुटाएं जाएंगे ताकि यह पता चल सके कि कौन से सोर्स का पानी पीने योग्य है। जिस सोर्स का पानी पीने योग्य नहीं है, वहां सूचना पट्टिका लगाई जाएगी।
ताकि लोगों की जानकारी में रहे कि सोर्स का पानी पीने योग्य नहीं है।बता दें कि बरसात के चलते जलजनित रोग फैल रहा है। अस्पतालों में पीलिया, डायरियां जैसे जनजनित रोगों के मामले आ रहे हैं। लोगों को स्वच्छ पानी पीने को मिले। इसके चलते यह व्यवस्था की गई है। सरकार ने जल शक्ति विभाग को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। लोगों को स्वच्छ पानी मिल सके, इसके लिए जल शक्ति विभाग ने प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाने को कहा है।जल शक्ति विभाग के अलावा गैर सरकारी स्कूलों से भी पानी के सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं। घरों से भी पानी के नमूने जांचे जाएंगे।
प्रदेश में जल शक्ति विभाग की 10,077 पेयजल योजनाएं चल रही हैं, जिनमें से कई नालों और चश्मों से जुड़ी हैं। हिमाचल प्रदेश में बीते एक महीने से मूसलाधार बारिश हो रही है। नदी, नालों का पानी स्रोतों में जा रहा है, इससे पानी दूषित हो रहा है।हिमाचल के अस्पतालों में इन दिनों जनजनित रोग के मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग भी लगातार एडवाइजरी जारी कर लोगों से साफ पानी पीने की सलाह दे रहे हैं। कम से कम 15 मिनट पानी उबालने के बाद ही उसका सेवन किया जा सकता है। सरकार ने जल शक्ति विभाग को पेयजल स्कीमों, बावड़ियों के आसपास साफ सफाई रखने के निर्देश दिए हैं। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि लोगों को साफ पानी मिले, इसके चलते स्रोतों से सैंपल लेने के निर्देश दिए हैं। हैंडपंप से भी पानी के सैंपल जुटाए जाएंगे।
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